
Johar Live Desk : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि अगर अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस अमेरिका को नहीं लौटाया, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “अगर अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस वापस नहीं किया, तो बुरी चीजें होंगी।”
क्या है मामला?
बगराम एयरबेस कभी अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा था। 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह अड्डा तालिबान के कब्जे में चला गया। अब खबरें आ रही हैं कि चीन इस एयरबेस पर कब्जा करना चाहता है, हालांकि चीन ने इसका खंडन किया है।
निक्की हेली ने जताई थी चिंता
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भी आशंका जताई थी कि चीन अफगानिस्तान में धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है और बगराम एयरबेस पर कब्जा कर सकता है।
Imagine threatening Afghanistan over an airbase when it was Trump who signed the deal with the Taliban that surrendered the country in the first place. pic.twitter.com/76YfJPC6VP
— Alex Cole (@acnewsitics) September 20, 2025
ट्रंप की लगातार आलोचना
ट्रंप ने फिर दोहराया कि अमेरिका बगराम एयरबेस को वापस पाना चाहता है, और उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस अड्डे को छोड़ने के फैसले के लिए पहले भी कई बार जिम्मेदार ठहराया है।
तालिबान और अफगान सरकार की प्रतिक्रिया
तालिबान सरकार ने ट्रंप की टिप्पणी की निंदा की है। एक अफगान अधिकारी ने कहा, “अफगानिस्तान ने कभी भी अपनी ज़मीन पर विदेशी सैन्य उपस्थिति को स्वीकार नहीं किया है।” सरकारी चैनल आरटीए के हवाले से अफगान विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जलाली ने कहा, “अमेरिका और अफगानिस्तान को आत्म-सम्मान और साझा हितों के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाना चाहिए।”
बगराम एयरबेस की भूमिका
बगराम एयरबेस, काबुल से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह 2001 से 2021 तक अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं के लिए मुख्य सैन्य ठिकाना रहा। 2021 में अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया।
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