FACEBOOK और INSTAGRAM के FEED में नहीं दिखेगा इस तरह का कंटेट, TEENAGERS की सेफ्टी के लिए META ने उठाया कदम

नई दिल्ली : मेटा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम के फीड में अब बच्चों की सेफ्टी के लिए सेंसिटिव कंटेंट नहीं दिखाने का फैसला लिया है. इस मामले को लेकर मेटा ने एक ब्लॉगपोस्ट शेयर किया है जिसमें कंपनी ने बच्चों को प्लेटफार्म पर सेंसिटिव कंटेंट के एक्सपोज़र से बचाने के लिए नए टूल्स की जानकारी शेयर की है. मेटा ने कहा कि कंपनी बच्चों को अब सेंसिटिव कंटेंट नहीं दिखाएगी, साथ ही कुछ खास तरह के टर्म्स को बच्चों के लिए रेस्ट्रिक्ट किया जाएगा. यदि कोई बच्चा इस तरह के कंटेंट को मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर सर्च करता है तो कंपनी उसे कंटेंट दिखाने के बदले इस विषय में हेल्प लेने के लिए प्रेरित करेगी.

मेटा ने कहा की सभी बच्चों को कंपनी मोस्ट रेस्ट्रिक्टिव कंटेंट कंट्रोल सेटिंग में रखेगी. नए अकाउंट्स पर कंपनी ने ये सेटिंग लागू कर दी है जबकि पुराने अकाउंट्स को इसके दायरे में लाया जा रहा है. इसके तहत बच्चों को सुसाइड, सेल्फ हार्म, ईटिंग डिसऑर्डर समेत दूसरे सेंसिटिव कंटेंट से दू रखा जाएगा और उन्हें Explore और रील्स में इस तरह का कोई भी कंटेंट नहीं दिखेगा. मेटा ने कहा कि ये अपडेट आने वाले हफ्ते से लागू हो जाएंगे और यूजर्स को उनकी उम्र के हिसाब से कंटेंट दिखाए देगा.

META पर लगे ये आरोप

मेटा की घोषणा तब आई है, जब कंपनी को दर्जनों अमेरिकी राज्यों में इस तरह के मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार का कहना है कि मेटा के ऐप्स लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए अलग-अलग तरह का कंटेंट दिखाते हैं और इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी नहीं देते. मेटा के ऐप्स से बच्चों के मेन्टल हेल्थ पर गलत असर पड़ रहा है. पिछले साल अक्टूबर में कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सहित 33 अमेरिकी राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने कंपनी पर मुकदमा दायर किया और कहा कि उसने अपने प्लेटफार्मों के खतरों के बारे में जनता को बार-बार गुमराह किया है. लगातार मेटा अलग-अलग देशों में सरकार से कंटेंट को लेकर दबाव झेल रही है.

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