पलामू में चंद्रोदय मंदिर में विराजेंगी मां दुर्गा, 10 लाख की लागत से तैयार हो रहा पंडाल

पलामू : शारदीय नवरात्र को लेकर देश के अलग अलग हिस्सों में तैयारी चल रही है. अलग अलग स्थानों पर भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं. वहीं, जिले के मेदिनीनगर शहर के आबदागंद में सम्राट क्लब के द्वारा राधा नगरी वृंदावन का प्रसिद्ध मंदिर चंद्रोदय मंदिर का प्रारूप तैयार किया जा रहा है. मूर्ति में भी खास बंगला सेट मूर्ति बनाया जा रहा है. इस पंडाल को बनाने के लिए खास तौर पर कोलकाता से कारीगर बुलाए गए हैं. एक माह से 30 कारीगरों की टीम पंडाल कोआकर्षक लुक देने के लिए कार्य कर रही है. पंडाल की ऊंचाई 70 फीट होगी.

समिति के संरक्षक नीरज सिंह ने कहा कि इस बार पंडाल के साथ मूर्ति भी खास तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए 1 महीने से कारीगर आकर मूर्ति तैयार कर रहे है. मां दुर्गे की मूर्ति करीब 15 फिट की होगी. वहीं लक्ष्मी गणेश और सरस्वती, कार्तिके की मूर्ति 10 फिट की होगी. पंडाल भी इस बार खास तौर से वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर के तर्ज पर बनाया जा रहा है. एक और खास बात यह है कि वृंदावन से कथा वाचिका पूर्णिमा किशोरी को बुलाया गया है. जो नवरात्र में श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान कराएंगी. प्रतिदिन संध्या 7 बजे से 10 बजे तक कथा पंडाल परिसर में ही होगा. इसके लिए अतिरिक्त मंच बनाया गया है.

उन्होंने कहा कि  इस पंडाल परिसर में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा. जिससे श्रद्धालुओ को सहूलियत और असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखी जायेगी. वहीं नवमी को भव्य भंडारा का आयोजन किया जायेगा. सम्राट क्लब 1998 से पूजा आयोजित करता आ रहा है. श्रद्धालुओं को हर बार यहां नया पंडाल देखने को मिलता है. इस बार पूजा आयोजन में करीब 10 लाख रुपए का लागत लग रहा है. जिसमें प्रतिमा में 60 से 65 हजार, पंडाल में 2.5 से 3 लाख और बाकी अन्य आयोजन में लग रहे है. श्रद्धालु एकम से प्रतिदिन आकर वृंदावन से पधारी कथा वाचिका पूर्णिमा किशोरी से राम कथा और भागवत कथा का आनंद ले सकेंगे

कारीगर गोविंद कुमार कहा कि वो बंगाल से पलामू आकर पंडाल तैयार कर रहे है. पिछले 42 वर्षो से तरह तरह के खास पंडाल के लुक और डिजाइन पर कार्य कर चुके है. इस बार पलामू में चंद्रोदय मंदिर के प्रारूप बनाने का लक्ष्य मिला है.जिसके बाद पिछले एक महीने से कार्य कर रहे है. उन्होंने कहा की करीब 70 फिट ऊंचा पंडाल बनाया जा रहा है. जिसमे बिट से डिजाइन बनकर कपड़े से सजाया जाएगा. वहीं प्रारूप के स्वरूप को सपोर्ट के लिए बांस के पंडाल बनाए गए है. जो की मंडप से 10 फिट तक आगे बढ़ा है.

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