Muzaffarpur : बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में अब एक बार फिर पुराने अपहरण कांडों की चर्चा तेज हो गई है। PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर की जनसभा में गोलू अपहरण कांड का जिक्र करते हुए राजद सरकार पर तीखा हमला बोला।
पीएम मोदी ने कहा कि आज के युवा शायद इस घटना को नहीं जानते होंगे, लेकिन साल 2001 में मुजफ्फरपुर में गोलू नाम के एक स्कूली बच्चे का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया था। अपराधियों ने फिरौती मांगी, और जब पैसे नहीं मिले, तो बच्चे की निर्मम हत्या कर दी गई थी। PM ने कहा कि उस दौर में अपराध और अराजकता का बोलबाला था — राजद के शासन में 35 से 40 हजार अपहरण हुए थे और लोगों का जीना दूभर हो गया था। मोदी ने कहा, “राजद के शासन में माताओं-बहनों के आंसुओं की कोई कीमत नहीं थी। बिहार के लोग आज भी उस दौर के डर को नहीं भूले हैं। हम सेवा करने आए हैं, बिहार को फिर से उसी अंधकार में नहीं जाने देंगे।”
क्या है गोलू अपहरण कांड?
साल 2001 में मुजफ्फरपुर में गोलू नाम के बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पूरा शहर उबाल पर था। लोग सड़कों पर उतर आए थे और नगर थाना, नाका थाना और पुलिस चौकियों में आग लगा दी गई थी। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में रहना पड़ा, और राज्य सरकार को पटना से हेलीकॉप्टर के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजना पड़ा था। इस केस को 2024 में फिर से खोला गया है, जिसमें 32 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। कई आरोपी अब विभिन्न राजनीतिक दलों में सक्रिय हैं, जिससे मामला एक बार फिर सुर्खियों में है।

अटल बिहारी वाजपेयी ने याद किया था ‘किसलय अपहरण कांड’
पीएम मोदी के बयान के बाद लोगों को 2005 के किसलय अपहरण कांड की भी याद आ गई। उस समय पटना के डीपीएस स्कूल के छात्र किसलय कौशल का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। उस घटना पर तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी ने पटना में कहा था — “कहां है मेरा किसलय, कोई मेरे किसलय को लौटा दो।”
गोलू और किसलय अपहरण कांड बिहार के इतिहास में आज भी उन भयावह दिनों की याद दिलाते हैं, जब अपराध और अपहरण आम बात बन चुके थे। PM मोदी ने इन घटनाओं का जिक्र कर मतदाताओं को यह याद दिलाने की कोशिश की है कि राजद शासनकाल में बिहार की कानून-व्यवस्था कैसी थी।
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