जम्मू-कश्मीर में पथराव अतीत की बात, अब यह प्रगतिशील राज्य : अमित शाह  

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 की आड़ में, तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में युवाओं को “आतंकवाद के रास्ते पर धकेल दिया गया”, जो लगभग पांच वर्षों से इसके निरस्त होने के बाद से शांति के साथ आगे बढ़ रहा है. अमित शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद का सफाया हो रहा है और पथराव अतीत की बात हो गई है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए बदलावों के बारे में जम्मू-कश्मीर स्थित समाचार चैनल गुलिस्तान न्यूज से बात करते हुए शाह ने कहा, “अनुच्छेद 370 के बारे में गलतफहमियां दूर हो गई हैं. हमेशा कहा जाता था कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने से वहां की संस्कृति, भाषा और पहचान खत्म हो जाएगी. पाँच वर्ष बीत गए; कुछ नहीं हुआ.”

अमित शाह ने कहा “आज, कश्मीर एक आज़ाद कश्मीर है और पर्यटकों से गुलजार है. इसके भोजन और भाषा के मूल्य में सुधार हुआ है. यह अफवाह फैलाई गई कि धारा 370 हटने से हजारों लोगों का कश्मीर में पलायन हो जाएगा, जिससे कश्मीरियत को खतरा हो जाएगा. ऐसा कुछ नहीं हुआ,”. 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने की घोषणा की और क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया.

उन्होंने कहा “मैं कश्मीर के लोगों को फिर से बता रहा हूं कि भारत में कई राज्य हैं. आज गुजरात में गुजरातियों की अपनी संस्कृति है, बंगालियों की अपनी संस्कृति है, मराठी लोगों की अपनी संस्कृति है. मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस भावना का अनुभव कर रहे हैं,”.

अमित शाह कहा, “जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की आड़ में, जो अलगाववादी विचारधारा के लिए उत्प्रेरक था, युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर धकेला गया और पाकिस्तान द्वारा इसका दुरुपयोग किया गया.” उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों में 40,000 से ज्यादा युवा मारे गए. “आज, जम्मू-कश्मीर शांति के साथ आगे बढ़ रहा है; आतंकवाद का सफाया हो रहा है. साल में दो बार होने वाली दरबार मूव की परंपरा को खत्म कर दिया गया है. पथराव लगभग शून्य हो गया है,”. भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का गठन किया गया है. जनता का पैसा उन तक पहुंच रहा है.