Johar Live Desk : केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में किए गए सुधारों पर राजनीतिक घमासान मच गया है। कांग्रेस और टीएमसी जैसे विपक्षी दलों ने इन्हें ‘लोगों की जिंदगी बर्बाद करने वाला’ बताया, जबकि सरकार ने कहा कि ये बदलाव करोड़ों सदस्यों के लिए जीवन आसान बनाएंगे। श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 238वीं बैठक में ये सुधार मंजूर हुए, जिसमें आंशिक निकासी को सरल और उदार बनाया गया है।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने X पर पोस्ट कर कहा, “मोदी सरकार के नए EPFO नियम क्रूर हैं। पेंशनभोगियों और नौकरी गंवाने वालों को अपनी बचत की सजा दी जा रही है। पीएम मोदी को हस्तक्षेप कर मंडाविया को रोकना चाहिए।”
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने लिखा, “ये नियम चौंकाने वाले और हास्यास्पद हैं। वेतनभोगियों के पैसे की खुली चोरी है।”

विपक्ष का आरोप है कि नए नियम लोगों की बचत छीनकर जीवन मुश्किल करेंगे।
सरकार का जवाब
श्रम मंत्रालय ने आरोपों को भ्रामक बताया। कहा कि EPFO 8 करोड़ सदस्यों और 8 लाख प्रतिष्ठानों की सामाजिक सुरक्षा संभालता है। नए बदलाव त्रिपक्षीय समिति (कर्मचारी, नियोक्ता, राज्य प्रतिनिधि) की सिफारिश पर हुए हैं। पहले नियम जटिल थे, जिससे आवेदन रिजेक्ट हो जाते थे। अब निकासी सरल होगी, लेकिन रिटायरमेंट पर अच्छी राशि बचेगी।
मंत्रालय के अनुसार, EPFO 8.25% सुरक्षित ब्याज देता है, जो टैक्स फ्री है। 7.3 करोड़ EPS सदस्य और 81 लाख पेंशनभोगी हैं।
सुधारों की मुख्य बातें
- आंशिक निकासी : पहले 13 तरह के प्रावधान थे, अब यूनिफाइड। कर्मचारी अंशदान + ब्याज के अलावा नियोक्ता अंशदान भी निकाल सकेंगे। पात्र राशि 75% तक बढ़ेगी।
- पात्रता अवधि : सभी निकासी के लिए 12 महीने (पहले 7 साल तक अलग-अलग)।
- रिटायरमेंट बैलेंस : 25% राशि लॉक, ताकि सेवानिवृत्ति पर सम्मानजनक रकम बचे। बेरोजगारी में 75% तुरंत, बाकी 1 साल बाद।
- पूर्ण निकासी : 55 साल बाद रिटायरमेंट, विकलांगता, छंटनी आदि में पूरी राशि।
- पेंशन पात्रता : 58 साल पर अप्रभावित। 10 साल सेवा पर पेंशन। निकासी 36 महीने बाद (पहले 2 महीने), ताकि परिवार को लाभ मिले। 75% सदस्य 4 साल में पूरी पेंशन निकाल लेते हैं, जिससे भविष्य की सुरक्षा खत्म हो जाती है।
मंत्री मंडाविया ने कहा, “ये बदलाव कर्मचारियों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा मजबूत करेंगे।”
कर्मचारियों की राय
दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में सीए आकांक्षा अग्रवाल ने कहा, “सुधारों से लाभ पहुंचना चाहिए। उम्मीद है जीवन बेहतर और सुरक्षित बनेगा।”
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