Patna : पटना AIIMS के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने जूनियर डॉक्टरों के लिए नया ड्यूटी रोस्टर लागू किया है। अब डॉक्टरों को 36 घंटे की लंबी शिफ्ट के बजाय केवल 8 घंटे की ड्यूटी करनी होगी। यह बदलाव एम्स के प्रथम वर्ष के डॉक्टर यदुवंश साहू की आत्महत्या के बाद मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों की मांग पर किया गया है।
नए रोस्टर के अनुसार डॉक्टरों की ड्यूटी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगी। विभाग की प्रमुख डॉ. मुक्त अग्रवाल द्वारा तैयार इस रोस्टर में ओपीडी, वार्ड, इलेक्ट्रिक ओटी, माइनर ओटी और लेबर रूम के लिए अलग-अलग डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है।
- ओपीडी (OPD) : डॉ. पूजा, डॉ. प्रीति, डॉ. दिव्या, डॉ. सुशील और डॉ. निधि।
- वार्ड : डॉ. वरसानी, डॉ. एलीना, डॉ. पूर्णिमा, डॉ. गरिमा और डॉ. प्रिया।
- इलेक्ट्रिक ओटी : डॉ. सुप्रिया, डॉ. किशोरी, डॉ. प्रगति, डॉ. आकांक्षा और डॉ. निकिता नव्या।
- माइनर ओटी : डॉ. मुस्कान और डॉ. इरम।
- लेबर रूम : तीन टीमें बनाई गई हैं।
Team A : डॉ. रणवीर, डॉ. एनम और डॉ. चीचीव।
Team B : डॉ. अंजली, डॉ. हीरा और डॉ. मोनिका।
Team C : डॉ. आकांक्षा, डॉ. लादिया और डॉ. सेजल।
वर्कलोड को कम करने की पहल
इस व्यवस्था में एक टीम को ड्यूटी से छुट्टी दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर अगर Team A को सुबह और Team B को रात की शिफ्ट मिलती है, तो Team C को उस दिन छुट्टी मिलेगी। यह नया रोस्टर जूनियर डॉक्टरों के काम के बोझ को कम करने और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, कई मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि रोस्टर को लगातार लागू करना जरूरी है।
क्यों किया गया बदलाव :
यहां याद दिला दें कि 19 जुलाई को उड़ीसा के जूनियर डॉक्टर यदुवंश साहू ने 36 घंटे की लंबी ड्यूटी और मानसिक तनाव के कारण एम्स छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने AIIMS प्रशासन से लगातार शिकायत की थी कि उन्हें 36 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती है और केवल 2-3 घंटे का आराम मिलता है। इन शिकायतों के बाद प्रशासन ने यह नया रोस्टर जारी किया है।
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