New Delhi : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज मान्य हैं।
इस मुद्दे को संसद में भी उठाया गया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला रॉय ने इस पर सवाल पूछा, जिसके जवाब में गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने लोकसभा को जानकारी दी कि नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत केंद्र सरकार हर भारतीय नागरिक का पंजीकरण कर सकती है और उन्हें राष्ट्रीय पहचान पत्र (National Identity Card) जारी कर सकती है।
उन्होंने कहा कि यह पहचान पत्र केवल उन्हीं लोगों को दिया जाएगा जिनका विवरण राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में शामिल है।
अभी तक केवल असम राज्य में एनआरसी की प्रक्रिया हुई है, लेकिन अंतिम सूची अब तक जारी नहीं हो पाई है क्योंकि राज्य सरकार ने 2019 में प्रकाशित मसौदे को चुनौती दी है। उस मसौदे में करीब 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया था।
साथ ही, केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2027 में होने वाली जनगणना के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
2019-20 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और एनआरसी को लेकर हुए विरोध के बाद सरकार ने संसद में बताया था कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लागू करने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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