Ranchi : झारखंड सरकार ने स्वच्छ और सतत ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए गुरुवार को योजना एवं वित्त विकास विभाग और स्वानिति इनिशिएटिव के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता नेपाल हाउस स्थित योजना भवन सभागार में किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाना है।
एमओयू पर योजना एवं विकास विभाग की ओर से संयुक्त सचिव अनिलसन लकड़ा और स्वानिति इनिशिएटिव की ओर से ट्रस्टी उमा भट्टाचार्य ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर योजना एवं वित्त विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि “झारखंड कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य है, लेकिन अब समय है कि राज्य स्वच्छ और सतत ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाए। यह एमओयू राज्य को ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में आगे ले जाएगा।”
मंत्री ने योजना विभाग को “मदर ऑफ ऑल डिपार्टमेंट्स” बताया और इस पहल को झारखंड के सर्वांगीण विकास से जोड़ते हुए कहा कि यह मॉडल झारखंड को न सिर्फ भारत का, बल्कि एशिया का पहला ऐसा राज्य बनाएगा, जो एनर्जी ट्रांजिशन रेडीनेस इंडेक्स के तहत शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में अग्रसर होगा।
इस अवसर पर विभाग के सचिव मुकेश कुमार, विशेष सचिव राजीव रंजन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
यह समझौता राज्य की ऊर्जा नीति को नई दिशा देगा और झारखंड को पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील एवं विकासोन्मुख राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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