Mumbai : मुंबई की मिठी नदी सफाई परियोजना में कथित 65 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई शुरू कर दी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ED ने शुक्रवार, 6 जून 2025 को मुंबई और कोच्चि में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी शुरू की. यह कार्रवाई मिठी नदी की गाद निकासी (डिसिल्टिंग) से जुड़े घोटाले की जांच के तहत की जा रही है, जिसमें बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को 65 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
पांच ठेकेदारों सहित इतने लोगों पर दर्ज हुआ केस
इस घोटाले में पांच ठेकेदारों, तीन BMC अधिकारियों, दो कंपनी प्रतिनिधियों और तीन बिचौलियों के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने पहले ही FIR दर्ज की थी. EOW की विशेष जांच टीम (SIT) ने पिछले साल महाराष्ट्र विधान परिषद के मानसून सत्र में बीजेपी विधायकों प्रवीण दरेकर और प्रसाद लाड द्वारा उठाए गए सवालों के बाद इस मामले की जांच शुरू की थी. जांच में सामने आया कि ठेकेदारों ने फर्जी गाद निकासी और फ्रंट कंपनियों के जरिए धोखाधड़ी की, जिसमें BMC के इंजीनियर प्रशांत रामुगड़े और ठेकेदार संजय पुरोहित मुख्य रूप से शामिल थे.
सबूत तलाशने में जुटी ED
ED की छापेमारी में ठेकेदारों के घरों, दफ्तरों और अन्य ठिकानों पर दस्तावेजों और सबूतों की तलाश की जा रही है. इस घोटाले की शुरुआत 2005 की मुंबई बाढ़ के बाद मिठी नदी की सफाई और चौड़ीकरण परियोजना से जुड़ी थी, जिसके तहत 17.84 किमी हिस्से की गाद निकासी का काम शुरू हुआ था. जांच में ठेके के दस्तावेजों, गाद निकासी की फर्जी रिपोर्ट्स और BMC व MMRDA के रिकॉर्ड्स की गहन पड़ताल की जा रही है.
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