Ranchi: रांची में बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले आर्याव्रत एसोसिएट कंपनी के संचालक मनीष कुमार की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने मंगलवार को यह आदेश दिया। मनीष कुमार फिलहाल जेल में बंद है।
नामकुम थाना क्षेत्र के लोअर चुटिया, द्वारिकापुरी स्थित इस कंपनी का संचालन दिल्ली से अमरेंद्र सिंह करता था, जबकि रांची में दरभंगा निवासी मुरारी यादव जिम्मेदार था। आरोप है कि युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर लाखों रुपये वसूले जाते थे।
20 वर्षीय वीर भगत सिंह सरदार की शिकायत पर कार्रवाई हुई। उसने बताया कि कृषि विभाग में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया गया और 2000 रुपये का फॉर्म शुल्क मांगा गया। इसके बाद 31 हजार रुपये की मांग की गई, जिसमें से उसने 11 हजार रुपये दिए। इंटरव्यू के बाद ट्रेनिंग के नाम पर साइकोलॉजी पढ़ाया जाने लगा, जहां पहले से सैकड़ों युवा मौजूद थे।
आरोप है कि जब युवक ने आपत्ति जताई तो मनीष कुमार ने उसे बंधक बना लिया और 50 हजार रुपये की मांग की। पैसे नहीं देने पर रेप केस में फंसाने की धमकी दी गई। मामले की शिकायत पर 5 जुलाई को CID ने छापेमारी कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। इस मामले में कुल 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।