Ranchi : बिहार के पूर्णिया जिले में पांच आदिवासियों को ज़िंदा जलाकर मार दिए जाने की घटना को लेकर देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस हृदयविदारक घटना को लेकर झारखंड से भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इस मामले में झारखंड के स्वाथ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने मुख्यमंत्री सोरेन को पत्र लिख कर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। इरफान अंसारी ने लिखा है कि पूर्णिया की घटना मानवता पर कलंक है। भाजपा सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता अब किसी से छुपी नहीं है। आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ अब चुप नहीं बैठा जा सकता।
वहीं झारखंड के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस घटना को लेकर चिंता जताई है और इसे भाजपा सरकार की “आदिवासी विरोधी मानसिकता” का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि अब आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ चुप नहीं बैठा जा सकता।
नेताओं ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल बिहार भेजे जाने की भी मांग की गई है, ताकि वहां जाकर जमीनी हकीकत को समझा जा सके और पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सके।
इस पूरे मामले को सिर्फ एक आम आपराधिक घटना नहीं, बल्कि आदिवासी समाज को डराने और कुचलने की साजिश बताया जा रहा है। भाजपा पर आरोप लगाया गया है कि वह खास तौर पर आदिवासी समाज के साथ अन्यायपूर्ण और बर्बर व्यवहार कर रही है।
इसके अलावा वोटर वेरीफिकेशन के नाम पर बिहार में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगाते हुए इसे एक खतरनाक राजनीतिक साजिश करार दिया गया है। इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया गया है।
नेताओं ने कहा है कि भाजपा की यह रणनीति एनआरसी जैसी नीतियों के माध्यम से कमजोर वर्गों को डराने और सत्ता में लौटने की साजिश है, जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।
अंत में उन्होंने कहा, “यह वक्त है जब पूरे झारखंड और देश के आदिवासी समुदाय को एकजुट होकर अपनी अस्मिता, अधिकार और अस्तित्व की लड़ाई लड़नी होगी।”