आइपीएस अनुराग गुप्ता ने कुछ दिनों से लगातार झूठी और मनगढ़ंत खबरें पर रखी अपनी बात

Joharlive Team

रांची। आईपीएस अनुराग गुप्ता ने पिछले कई दिनों से लगातार झूठी और मनगढ़ंत खबरें पर अपनी बात रखी है। उनकी लिखी हुई कॉपी को आपके समक्ष रखता हूँ।
उन्होंने कहा है की झूठी और मनगढ़ंत खबरें कुछ विशेष मीडिया कर्मियों द्वारा ही चलाई जा रही है। मेरे पर बिजली बोर्ड में आईजी विजिलेंस के पद पर रहते हुए मैंने गलत तरीके से विजिलेंस रिपोर्ट समर्पित की थी। उस समय भी इस गलत खबर का खंडन भी किया था। इसके बाद कुछ दिन पहले एक दूसरी खबर चलाई गई जिसके अंदर मुझे धनबाद में हुई गांजा तस्करी के एक मामले में फंसाने का प्रयास किया गया।
मैं आप सब को बताना चाहूंगा कि इस प्रकरण में भुक्तभोगी महिला जिसके पति को कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा गलत केस में जेल भेजा गया था कि मैंने स्वयं मदद की थी। यह महिला मुझसे मिली थी और उसने बताया था कि उसके पति को निरसा थाना में झूठा फंसाया गया है और यह भी बताया था कि इस कांड में पश्चिम बंगाल पुलिस के कुछ अधिकारी मिले हुए हैं। मैंने तत्काल उसी समय धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक को फोन करके पूरी बात की जानकारी दी थी और उस महिला को एसएसपी धनबाद से मिलने के लिए बोला था। कुछ दिन के बाद उस महिला ने मुझे फिर कॉल किया और बताया कि उसके पति के खिलाफ गोड्डा जिला के महागामा थाना में एक और वारंट भी निकाल दिया गया है। तब मैंने तुरंत गोड्डा के एसपी को फोन करके पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी। मुझे अच्छे से याद है कि गोड्डा एसपी ने बताया था कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। परंतु वह तुरंत जांच करके अवश्य कार्यवाही करेंगे और यदि किसी के द्वारा उक्त महिला के पति को बेवजह फंसाया गया है तो उसे कांड से निकाल देंगे। मेरे लिए यह प्रकरण वही खत्म हो गया और मैं इससे अधिक कुछ नहीं जानता हूं| परंतु कुछ दिन पूर्व कुछ मीडिया कर्मियों ने खबर लिखना शुरू किया कि उक्त महिला के पति को मेरे इशारा पर इस कांड में फंसाया गया था। मुझे जानकारी मिली है कि इस प्रकरण जांच की जा रही है। उम्मीद करता हूं कि जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे। इस कांड में मेरे साथ एक मनोज गुप्ता का भी नाम जोड़ा गया। मुझे इस कांड में मनोज गुप्ता के संबंध में या उनकी इस प्रकरण में संलिप्तता के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। यदि वह इस कांड में संलिप्त है तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उस महिला का नाम और मोबाइल नंबर आज भी मेरे पास मेरे मोबाइल में सेव है।

  • बिना तथ्य और साक्ष्य के पैसा वसूली का चला रहे है खबर

इसके बाद एक नया प्रकरण शुरू किया गया है। जिसमें धनबाद के व्यवसाय का टीवी इंटरव्यू करके मेरे पर पैसा वसूलने के गंभीर आरोप बिना किसी प्रकार के कोई तथ्य / प्रमाण के लगाए जा रहे हैं। अपने बयान में इस व्यवसाई ने मनोज गुप्ता को मेरा एजेंट बताया है। मैंने किसी मनोज गुप्ता को तभी भी इस प्रकार का कोई भी गलत काम करने को कभी नहीं कहा है। आरोप सरासर झूठा है। यदि मनोज गुप्ता या अन्य किसी व्यक्ति ने मेरा नाम लेकर कोई वसूली की है तो क्यों नहीं व्यवसाई उन पर उचित कार्रवाई करते हैं? मेरी इस व्यवसाई से कभी किसी प्रकार की कोई बातचीत/ मुलाकात कुछ भी नहीं है। मैं इस व्यवसाय को जानता तक नहीं हूं और ना कभी मिला हूं