Supaul : सुपौल जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मिन्नतुल्लाह और उनकी पत्नी, निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल की प्रबंधक निखत जहां प्रवीण ने एक साथ अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया है। इस घटनाक्रम ने न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि पूरे शहर में हलचल मचा दी है। दोनों के त्यागपत्र की वजह उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच से जोड़ी जा रही है, जिसके फर्जी होने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने जांच शुरू की थी।
फर्जी प्रमाण पत्र की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
मिली जानकारी के अनुसार डीपीएम मिन्नतुल्लाह के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की शिकायत मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य समिति और जिला प्रशासन ने जांच शुरू की थी। समिति ने मिन्नतुल्लाह को उनके सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रति जमा करने का निर्देश दिया था। इस बीच, 1 अगस्त को मिन्नतुल्लाह ने अवकाश ले लिया और अगले ही दिन, 2 अगस्त 2025 को उन्होंने सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति, सुपौल को अपने आधिकारिक ई-मेल के जरिए त्यागपत्र भेज दिया। अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा, “मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जिसके कारण मैं कार्यालय कार्य करने में असमर्थ महसूस कर रहा हूं। इसलिए मैं 2 अगस्त 2025 को अपना त्यागपत्र समर्पित कर रहा हूं।”
पति के बाद पत्नी ने भी दिया इस्तीफा
मिन्नतुल्लाह के त्यागपत्र के साथ ही उनकी पत्नी निखत जहां प्रवीण, जो निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल में प्रबंधक के पद पर कार्यरत थीं, ने भी 2 अगस्त को सिविल सर्जन को ई-मेल के जरिए अपना त्यागपत्र सौंप दिया। निखत ने अपने पत्र में लिखा, “मेरे पति का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जिसकी देखभाल के लिए मेरा उनके साथ रहना आवश्यक है। इसलिए मैं 2 अगस्त 2025 को अपना त्यागपत्र समर्पित कर रही हूं।” गौरतलब है कि निखत के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की भी जांच चल रही थी। जिला स्वास्थ्य समिति ने 31 जुलाई को उनसे सभी शैक्षणिक दस्तावेज जमा करने को कहा था, जिसके बाद सिविल सर्जन ने निर्मली अस्पताल के प्रभारी को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे।
शहर में चर्चा, उठ रहे सवाल
इस घटनाक्रम ने शहरवासियों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के बीच चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि दोनों अधिकारियों ने एक साथ त्यागपत्र क्यों दिया। कई लोगों का मानना है कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के दबाव के कारण यह कदम उठाया गया है। कुछ का कहना है कि यह पति-पत्नी का एक-दूसरे के प्रति समर्पण है, जैसा कि बॉलीवुड फिल्म प्यासा सावन के गाने “तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है” में दर्शाया गया है। हालांकि, त्यागपत्र के पीछे की असल वजह जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
जांच का क्या होगा परिणाम?
जिला स्वास्थ्य समिति और प्रशासन अब इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। यह देखना बाकी है कि दोनों अधिकारियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और उनके त्यागपत्र स्वीकार किए जाते हैं या नहीं। इस पूरे प्रकरण ने स्वास्थ्य विभाग की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और कर्मचारी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि इस मामले में प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।
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