ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग, कर्मचारियों ने केंद्र को दिया 6 हफ्ते का अल्टीमेटम

नई दिल्ली : देश में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू करने के लिए छह सप्ताह का अल्टीमेटम दे दिया है. अगर इस अवधि में पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती है, तो देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी. इस स्थिति में रेल संचालन और रक्षा क्षेत्र के उद्योगों सहित तमाम सरकारी विभागों में कामकाज बंद हो जाएगा. बुधवार को नई दिल्ली में हुई नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के पदाधिकारियों की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है. बैठक की अध्यक्षता, एनजेसीए के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने की है. केंद्र सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस देने और स्ट्राइक की तिथि घोषित करने के लिए दो दिन के भीतर एक कमेटी गठित होगी.

अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सहमति

एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन’ लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है. चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है. देश के दो बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपनी सहमति दे दी है. स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी हड़ताल के पक्ष में हैं. 20 और 21 नवंबर को 400 डिफेंस यूनिट, 7349 रेलवे स्टेशन, मंडल व जोनल दफ्तर, 42 रेलवे वर्कशॉप और सात रेलवे प्रोडेक्शन यूनिटों पर स्ट्राइक बैलेट के तहत वोट डाले गए थे. विभिन्न केंद्रीय कर्मचारी संगठन एवं राज्यों की एसोसिएशन भी ओपीएस के मुद्दे पर एक साथ आ गई हैं.

कमेटी इन विषयों पर तैयार कर रही रिपोर्ट

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में नई पेंशन योजना के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के मौजूदा ढांचे और संरचना, जैसा सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है, के आलोक में, क्या उसमें किसी प्रकार के बदलाव किए जाने उचित हैं, इस बाबत वित्त मंत्रालय की कमेटी विचार कर रही है. यदि कमेटी द्वारा एनपीएस में बदलाव की सिफारिश की जाती है, तो उसमें वित्तीय निहितार्थों और समग्र बजटीय गुंजाइश पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखा जाएगा. कमेटी का कार्य ऐसे उपाय सुझावित करना है, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत शामिल सरकारी कर्मचारियों के पेंशन संबंधी लाभों में सुधार लाने के दृष्टिगत संशोधन करने के लिए उपयुक्त हों, ताकि सामान्य नागरिकों के संरक्षण के मद्देनजर वित्तीय विवेक को कायम रखा जा सके.

इसे भी पढ़ें: 65वें दिन भी जारी है संतोष नायक का धरना, समर्थन में पहुंचे विधायक लंबोदर महतो