निर्वाचित प्रतिनिधियों को सार्वजनिक जीवन में नैतिकता बनाए रखनी चाहिए: नायडू

पणजी : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को निर्वाचित प्रतिनिधियों से सार्वजनिक जीवन में गरिमा और नैतिकता बनाए रखने का आह्वान किया।

श्री नायडू ने यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के दौरान यह बात कही। उप राष्ट्रपति ने कहा, “मैं सभी लोगों, विशेषकर जनप्रतिनिधियों से सार्वजनिक जीवन में गरिमा और नैतिकता बनाए रहने का आह्वान करता हूँ।”

श्री नायडू ने कहा, “हम जब देखते हैं कि संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा, राज्यों की विभिन्न विधानसभाओं में कुछ घटनाएं हो रही हों, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कुछ घटनाएं हो रही हैं और वे हिंसक मोड़ ले लेती हैं, ऐसी घटनाओं को टाला जाना चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र कमजोर होगा और जनता का इससे मोहभंग हो जाएगा।”

उपराष्ट्रपति ने कहा, “राज्यपाल एक संवैधानिक प्राधिकरण है, विधायिका एक निर्वाचित निकाय है और संसद एक सर्वोच्च स्थान है, जहां कानून बनाए जाते हैं। हमें सभी संस्थानों का सम्मान करना चाहिए। लोकतंत्र में अगर आप किसी चीज काे पसंद नहीं करते हैं तो उसकी आलोचना करें। अगर आप को बजट पसंद नहीं है तो आप उसकी आलोचना कर सकते हैं। अगर आपको सरकार पसंद नहीं है तो आपको धैर्य रखना होगा, आप शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर सकते हैं और अपनी बारी का इंतजार कर सकते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों के जनादेश का सम्मान करने के लिए धैर्य रखना चाहिए। यह सभी राजनीतिक दलों को ध्यान में रखना चाहिए। किसी तरह की हिंसा से दूरी बनाए रखनी चाहिए।