Joharlive Desk
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेें कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार पर संतोष व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 की केमिस्ट्री को समझते हुये इसका इलाज किये जाने की जरूरत है।
श्री योगी ने शनिवार को लाकडाउन की समीक्षा बैठक में कहा कि कोरोना की केमिस्ट्री को समझते हुए ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से बचा जा सकता है। प्रदेश सरकार के ‘आयुष कवच-कोविड’ एप में जड़ी-बूटियों पर आधारित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जुड़ी उपयोगी जानकारियों का समावेश किया गया है, जिन्हें अपनाकर लोग अपनी इम्युनिटी को विकसित कर सकते हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी की दर 42 प्रतिशत है। यह संख्या रिकवरी की राष्ट्रीय औसत 29.2 प्रतिशत से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के 52,000 बेड के क्षमता विस्तार के लक्ष्य के सापेक्ष 53,400 बेड की व्यवस्था कर ली गई हैं। पूल टेस्टिंग में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
श्री योगी ने राजस्व प्राप्ति की सभी सम्भावनाओं पर कार्य करने पर बल दिया है। कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियाें प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिन्हित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाये। इसके साथ ही प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जाए। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। इन समूहों की सदस्यों को रेडिमेड कपड़े तथा स्वेटर आदि तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए उन्होने सरकारी विभागों, निगमों एवं अन्य संस्थानों द्वारा किए जा रहे कार्य पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आगे भी इसी प्रकार प्रतिबद्ध होकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 18 करोड़ लोगों को तीन चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। यह एक बहुत बड़ा कार्य है, क्योंकि 18 करोड़ तो कई देशों की आबादी भी नहीं है।
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