चंद्रयान-3 मिशन का विदेशों में भारतीयों की धारणा पर व्यापक प्रभाव पड़ा: एस जयशंकर

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी को कैसे संभाला, यह देखने के बाद विदेश में रहने वाले लोगों की धारणा बदल गई है और देश के चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ का विदेशों में रहने वाले भारतीयों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. सोमवार को किरोड़ीमल कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि घर में लिए गए निर्णयों का दुनिया उत्सुकता से अनुसरण करती है.

उन्होंने कहा कि हम दुनिया में सबसे बड़े देश हैं. हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, जल्द ही हम तीसरी हो जाएंगे. हम घर पर कैसे काम करते हैं, इस पर विदेश में हर कोई नजर रखता है. हम घर पर क्या निर्णय लेते हैं, इस पर भी बहुत उत्सुकता से नजर रखी जाती है. इसलिए, अगर अब हम आने वाले हफ्तों में अपनी इच्छानुसार अपना भविष्य तय करने जा रहे हैं, तो यह सिर्फ आपस में बातचीत या चर्चा नहीं है, जिसमें अन्य छह अरब लोग भी शामिल हैं ये सभी वास्तव में इस बात के पहलू हैं कि भारत क्यों मायने रखता है.

विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया भर के लोग भारत की प्रौद्योगिकी उपलब्धियों से प्रभावित हैं. उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन और कोविड प्रबंधन को पिछले 10 वर्षों में भारत द्वारा किए गए सबसे प्रभावशाली कार्यों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि संभवत: दुनिया के लिए वास्तव में वे तकनीकी उपलब्धियां अधिक आकर्षक हैं जो हम करते हैं. मैं कहूंगा कि पिछले 10 वर्षों में हमने जो सबसे प्रभावशाली काम किया है, कोविड प्रबंधन के अलावा, वह चंद्रमा पर जाना था. चंद्रयान-3 मिशन ने विदेशों में भारतीयों की धारणा पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है और अंत में, जैसा कि मैंने कहा, इसका अधिकांश हिस्सा वास्तव में एक ऐसे देश के बारे में है जो अपने लिए, अपने हितों के लिए, अपने नागरिकों के लिए खड़े होने की क्षमता रखता है. आप जानते हैं, दबाव के सामने खड़े होते हैं और एक तरह से अपने व्यक्तित्व और अपनी संस्कृति को उजागर करते हैं.

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