कोरोना के लॉकडाउन में अपने घरों को लौटे मजदूरों को पुरानी योजनाओं के जरिए मिलेगा काम, 116 जिलों पर फोकस कर रही है केंद्र सरकार

Joharlive Desk

नई दिल्ली। कोरोना के लॉकडाउन में अपने घरों को लौटे श्रमिकों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार कई तरह की योजनाओं पर काम कर रही है। मौजूदा स्थिति में देश के ऐसे 116 जिलों का चयन किया गया है, जहां पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए या किसी दूसरे साधन से मजदूर अपने घर पहुँचे हैं। हालांकि केंद्र सरकार जिन योजनाओं के जरिए मजदूरों का भला करना चाह रही है, वे सभी पुरानी हैं। पिछले सप्ताह सरकार की ओर से कहा गया था कि इस साल नई योजनाओं के लिए बजट नहीं है। 2021 तक नई योजनाओं पर काम शुरु करने से गुरेज किया जाएगा। ऐसे में जो योजनाएं पहले से चल रही हैं, उनके आधार पर ही गांव लौटे मजदूरों के कल्याण का कार्य होगा।

केंद्र सरकार ने ऐसे जिलों की सूची तैयार की है, जहां पर लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक संख्या में प्रवासी श्रमिक पहुंचे हैं। ये जिले बिहार, यूपी, झारखंड, राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में स्थित हैं। इनमें से बिहार के 32 और यूपी के 31 जिले हैं। सरकार ने सभी 116 जिलों में श्रमिकों को रोजगार देने का जो प्लान तैयार किया है, उसमें कार्यकुशलता और हुनर को प्राथमिकता दी जाएगी।

केंद्र और राज्य सरकारों ने गांवों में मनरेगा योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया है। इन्हीं जिलों में अब स्किल इंडिया, किसान कल्याण योजना, खाद्य सुरक्षा और पीएम आवास योजना के जरिए रोजगार की गति बढ़ाई जाएगी। केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों ने इस योजना पर काम शुरु कर दिया है। इन्हें 25 जून से पहले पीएमओ के पास अपनी रिपोर्ट तैयार कर भेजनी होगी।मनरेगा के लिए अलग से सूची तैयार हो रही है।स्किल इंडिया के तहत अलग से रजिस्ट्रेशन होगा।