Patna : बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के पटना क्षेत्रीय कार्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल सामने आया है. CBI ने पटना की विशेष अदालत में इस मामले की चार्जशीट दाखिल की. यह घोटाला मार्च 2025 में उजागर हुआ था, जब CBI ने NHAI के GM रामप्रीत पासवान और ‘राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ के तीन अधिकारियों को 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था.
चार्जशीट में रामप्रीत पासवान, कंपनी के जनरल मैनेजर सुरेश महापात्रा, कर्मचारी वरुण कुमार, चेतन कुमार, एक अज्ञात व्यक्ति और कंपनी को संस्थागत आरोपी के रूप में नामित किया गया है. सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं.
गिरफ्तारी के बाद CBI ने बिहार के विभिन्न शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की, जिनमें पटना, रांची, वाराणसी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और पूर्णिया शामिल हैं. इस छापेमारी में CBI को 1.18 करोड़ रुपये नकद, मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव और भ्रष्टाचार से संबंधित गोपनीय फाइलें मिलीं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. इन उपकरणों की जांच से इस रिश्वतखोरी के नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
अभी तक CBI ने इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की थी, जिसमें NHAI के छह वरिष्ठ अधिकारी, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के चार प्रतिनिधि और एक अन्य ठेकेदार शामिल हैं. हालांकि चार्जशीट में केवल छह आरोपियों के खिलाफ ही आरोप तय किए गए हैं, जबकि बाकी की भूमिका की जांच जारी है. CBI को आशंका है कि इस नेटवर्क में और बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं, जो सिस्टम का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी में लिप्त थे.
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