बीजेपी का महत्वाकांक्षी लक्ष्य : झारखंड में लोकसभा की सभी 14 सीटों पर जीत नहीं होगी आसान

स्वामी दिव्यज्ञान

रांची : झारखंड की सभी 14 सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी चुनावी समर में उतर चुकी है. सभी सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा भी हो चुकी है. पार्टी जहां 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं उसने एक सीट के लिए ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के साथ गठबंधन किया है. 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के भाजपा के फैसले से पार्टी के भीतर कुछ आंतरिक असहमति पैदा हो गई है, क्योंकि कुछ मौजूदा सांसदों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया है एवं एक विशेष जाति के लोगों को एक भी टिकट नहीं मिला जिसके दो सांसद थे. जिससे पार्टी सदस्यों और कार्यकर्ताओं में अशांति फैल गई है. जो टिकट आवंटन पर अपना असंतोष व्यक्त कर रहे हैं. नाराज सदस्यों और कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए व  पार्टी नेताओं को उनकी चिंताओं को दूर कर पार्टी के भीतर एकता सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है. बीजेपी जानती है कि आंतरिक कलह उसके चुनावी प्रदर्शन पर नकारात्मक असर डाल सकती है और वह ऐसी स्थिति को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. ऊपरी तौर पर लोग इसमें सफल होते दिख रहे हैं, लेकिन दो संसदीय क्षेत्रों में यह पेंच अभी भी फंसा हुआ लग रहा है.

जीत हासिल करने के लिए करनी होगी कड़ी मेहनत

बीजेपी अपनी कमजोर निर्वाचन क्षेत्रों से भी अवगत है, जहां उन्हें जीत हासिल करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है. इन निर्वाचन क्षेत्रों में, गहन प्रचार और क्षति नियंत्रण के प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं कि ऐसी कोई खामियां न रहें जिससे पार्टी को जीत से वंचित होना पड़े लोहरदगा, राजमहल जैसे क्षेत्रों में इंडी गठबंधन के फूट से भाजपा को लाभ होता दिख रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शीर्ष भाजपा नेता समर्थन जुटाने और पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए इन निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियों को संबोधित करेंगे.

घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश

भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए इन कमजोर निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें घर-घर जाकर प्रचार करने, प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने और राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने पर ध्यान केंद्रित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं साथ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न आयामों के साथ इन क्षेत्रों में काफी समन्वय बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने किया कमजोर सीट होने से इनकार

बीजेपी के प्रदेश नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने किसी भी कमजोर सीट के अस्तित्व से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी मजबूत उम्मीदवार लाइनअप और मजबूत प्रचार रणनीति के साथ सभी 14 सीटें जीतने में सक्षम है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के प्रयास कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करेंगे, जिससे भाजपा की जीत सुनिश्चित होगी

14 सीटें जीतने पर झारखंड में पकड़ होगी मजबूत

झारखंड में मुकाबला भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में राज्य की 14 में से 12 सीटों पर उसका कब्जा है. सभी 14 सीटें जीतने का मतलब न केवल पार्टी के लिए क्लीन स्वीप होगा, बल्कि राज्य पर मजबूत पकड़ भी होगी, भले लोग आत्मविश्वास से भरे हो लेकिन इसकी संभावना कितनी सत्य होती है यह तो 4 जून का रिजल्ट बताएगा. अगर भाजपा की जीत पक्की हो जाती है तो अन्य राजनीतिक दलों को भी झारखंड में भाजपा के प्रभुत्व और लोकप्रियता के बारे में संदेश जाएगा.

बिहार और बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों पर होगा असर

अगर झारखंड की सभी 14 सीटें जीतने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल भी बढ़ेगा. इससे उनमें आत्मविश्वास की भावना आएगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में उनका विश्वास फिर से पुष्ट होगा. इस जीत का बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.

‘चुनावी समर’ में उतरी भाजपा को 14 सीटें जीतना होगा आसान, या बेलना पड़ेगा पापड़!

जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, सभी की निगाहें झारखंड पर होंगी कि क्या भाजपा सभी 14 सीटें जीतने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर पाती है. पार्टी की आगे की राह कठिन है, विपक्षी दलों से कड़ी प्रतिस्पर्धा है, लेकिन वे चुनौती से भागने वालों में से नहीं हैं. अपने गहन प्रचार और क्षति नियंत्रण प्रयासों के साथ-साथ शीर्ष भाजपा नेताओं के समर्थन से, पार्टी राज्य में विजयी होने के लिए प्रतिबद्ध है.

झारखंड में बीजेपी की पकड़ मजबूत

झारखंड में सभी 14 सीटें जीतने का भाजपा का लक्ष्य महत्वाकांक्षी लग सकता है, लेकिन यह असंभव भी है अगर इंडी गठबंधन झारखंड में अपनी उलझनों को सुलझा ले तब. आने वाले हफ्तों में पार्टी के प्रयास और रणनीतियां इस महत्वपूर्ण चुनाव के नतीजे तय करेंगी. पार्टी के भीतर एकता और मजबूत उम्मीदवार लाइनअप के साथ, भाजपा अपने लक्ष्य को हासिल करने और राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अच्छी स्थिति में है.

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