केंद्र से बकाया मांगने के नाम पर झारखंड के भाजपा सांसद गूंगे-बहरे हो गए हैं : कांग्रेस

Joharlive Team

रांची। प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार झारखंड के साथ दुश्मन देश जैसा व्यवहार कर रही है। कोरोना काल जैसे गंभीर हालात में मदद करने की बजाय केंद्र सरकार लगातार झारखंड के साथ सौतेलेपन के साथ पेश आ रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय नाथ शाहदेव ने शनिवार को कहा कि पहले ही महामारी के चलते राज्य की आर्थिक हालात अत्यंत खराब है। उपर से केंद्र सरकार अपनी शक्तियों का दुरूपयोग कर झारखंड की जनता के साथ छल कर रही है। मोदी सरकार के पास हमारे राज्य का 74582 करोड़ रुपए बकाया है। अपना पैसा काट लिया पर हमारा पैसा देने का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के खनिजों से देश के उद्योग धंधे चलते हैं। हमारे कोयला से पूरे देश को बिजली मिलती है और हमें ही केंद्र सरकार ठेंगा दिखा रही है ‌।
यदि थोड़ी भी शर्म हया बची हो तो हमें हमारे हिस्से के पैसे यथाशीघ्र दें। शाहदेव ने कहा कि झारखंड आंदोलनों और संघर्षों से उपजा हुआ राज्य है‌‌। हमारे रग रग में संघर्ष समाया हुआ है। ऐसा न हो कि हम फिर से राज्य के हित में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करें। मोदी सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये की वजह से हम समस्त राज्य में आर्थिक नाकेबंदी करने को मजबूर होंगे। खनिजों को राज्य के बाहर जाने पर रोक लगा देंगे। शाहदेव ने भाजपा के सांसदों और विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार पर इनका मुंह क्यों बंद है। क्या यही दिन देखने के लिए झारखंड ने भाजपा को 14 में से 12 सीट सांसद की दी। भाजपा के जनप्रतिनिधियों के मुंह पर ताला लग गया है। पैसा मांगने के नाम पर झारखंड भाजपा सांसद गूंगे-बहरे हो गये हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधियों की असलियत झारखंड की जनता जान चुकी है जिसका भरपूर जवाब समय आने पर मिलेगा। चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए झारखंड में भाजपा के सांसद और विधायकों को। शाहदेव ने कहा कि अन्य राज्यों के पास भी केंद्र का पैसा बकाया है। लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं किया गया। केन्द्र सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ हमेशा नीचता के साथ पेश आती है और बेवजह परेशान करती है। पूर्व की भाजपा के रघुवर सरकार के कुकर्म का फल झारखंड की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। मोदी सरकार इस दिशा में गंभीर होकर ईमानदारी से फैसला करें अन्यथा अब कांग्रेस पार्टी केंद्र की भाजपा सरकार के साथ आर पार की लड़ाई के लिए विवश होगी।