Ranchi: झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में कथित शराब घोटाले की जांच में जानबूझकर ढील देने, समय पर चार्जशीट न दाखिल करने और एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) में संदिग्ध फेरबदल के मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। मरांडी ने कहा कि यह घोटाला केवल सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एक संगठित गिरोह पूरे तंत्र को नियंत्रित कर रहा है। इसमें निलंबित IAS अधिकारी, राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी और छत्तीसगढ़ से जुड़े शराब माफिया शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट और विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली हुई है। मुख्य आरोपी निलंबित IAS विनय कुमार चौबे, JSBCL के तत्कालीन महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, पूर्व IAS अमित प्रकाश, छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, नकली होलोग्राम सप्लाई करने वाले विधू गुप्ता और अन्य हैं।
मरांडी ने आरोप लगाया कि ACB ने जानबूझकर मामले को कमजोर किया। प्रमुख आरोपियों को केवल इसलिए जमानत मिल गई क्योंकि ACB ने निर्धारित 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की। उन्होंने ACB में हालिया फेरबदल को संदेहास्पद बताया और सवाल उठाए कि जिन अधिकारियों का तबादला हुआ, उनकी शराब घोटाले में क्या भूमिका थी, उन्हें किसके इशारे पर नियुक्त किया गया और क्यों हटाया गया। मरांडी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि पूरे शराब घोटाले की निष्पक्ष जांच CBI के माध्यम से कराई जाए और ACB के उन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो जो समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तुरंत ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो इसे सरकार के संरक्षण वाला मामला माना जाएगा।
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