Ranchi : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देश पर और माननीय न्यायायुक्त के मार्गदर्शन में रांची के नगड़ी प्रखंड के बालालौंग पंचायत भवन में मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ताओं के विचार:
राजेश कुमार सिन्हा (एलएडीसी डिप्टी चीफ): उन्होंने मानव तस्करी को कानूनी अपराध बताते हुए कहा कि तस्कर बच्चों का अपहरण कर उन्हें अन्य राज्यों में ले जाते हैं और उनसे काम कराते हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को अकेला न छोड़ें और उनका ध्यान रखें। इसके अलावा, उन्होंने बाल श्रम, बाल विवाह और डायन बिसाही जैसे विषयों पर भी प्रकाश डाला।
रीना लिंडा (पीएलवी): उन्होंने डायन बिसाही पर चर्चा करते हुए इसे एक अंधविश्वास बताया और कहा कि इसके नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करना अपराध है। जागरूकता के माध्यम से इसे समाप्त करना हमारा उद्देश्य है।
उमेश कुमार (पीएलवी): उन्होंने प्री-लिटिगेशन मुकदमा दर्ज कराने, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, असंगठित मजदूरों का निबंधन, आयुष्मान भारत योजना के गोल्डन कार्ड, बाल श्रम और बाल अधिकार के बारे में जानकारी दी।
फुल कुमारी और रीता कुमारी महली (पीएलवी): उन्होंने मोटर वाहन दुर्घटना में मिलनेवाले मुआवजे के बारे में जानकारी दी और प्रधानमंत्री आवास योजना, विधवा पेंशन और वृद्धा पेंशन के लाभों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में उपस्थित लोग:
कार्यक्रम में विधि के छात्र-छात्राएं कनिष्क राज, अमन राज, अंशुल पल्लव, शाक्षी मिश्रा, स्नेहाप्रिया, अनन्या राज और राजा वर्मा समेत पंचायत भवन के अन्य लोग उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को मानव तस्करी, बाल अधिकार, और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना था, ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें और किसी भी प्रकार की तस्करी या शोषण से बच सकें।
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