Johar Live Desk : हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आषाढ़ मास की शुरुआत 12 जून से हो रही है। यह माह धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक साधना का समय माना जाता है। इसे चिंतन, ध्यान, जप और सेवा का मास कहा गया है, जिसमें श्रद्धालु विविध व्रतों, अनुष्ठानों एवं पुण्य कार्यों में भाग लेकर आत्मिक शांति और विकास की दिशा में अग्रसर होते हैं।
इस वर्ष आषाढ़ मास में कई प्रमुख त्योहार और व्रत पड़ रहे हैं जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं :
- गणेश संकष्टी चतुर्थी : 14 जून (शनिवार)
- भागवत एकादशी : 22 जून (रविवार)
- मासिक शिवरात्रि : 23 जून (सोमवार)
जगन्नाथ रथयात्रा : 27 जून (शुक्रवार)
पुरी, ओडिशा में विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस वर्ष 27 जून को निकाली जाएगी। भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा की सुसज्जित रथों में नगर भ्रमण की यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है, जिसे देखने देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जुटते हैं।
- विनायक चतुर्थी : 28 जून (शनिवार)
- हेरा पंचमी : 30 जून (सोमवार)
- मासिक दुर्गाष्टमी : 3 जुलाई (गुरुवार)
देवशयनी एकादशी : 6 जुलाई (रविवार)
इसे आषाढ़ी एकादशी या रवि नारायण एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु चार मासों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस काल को चातुर्मास कहा जाता है, जिसमें विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
- इसी दिन इस्लाम धर्म का प्रमुख पर्व मुहर्रम (ताजिया) भी मनाया जाएगा।
- मेला शरीफ भगवती : 4 जुलाई (शुक्रवार) – कश्मीर
- मेला ज्वालामुखी : 9 जुलाई (बुधवार) – हिमाचल प्रदेश
गुरु पूर्णिमा : 10 जुलाई (गुरुवार)
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। यह दिन वेदव्यास जी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। गुरुओं को सम्मान देने का यह पर्व विद्यार्थियों और साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। गुरु पूर्णिमा के साथ ही आषाढ़ मास का समापन और श्रावण मास का शुभारंभ हो जाएगा, जो भगवान शिव की उपासना का विशेष समय होता है।
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