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    Home»कारोबार»आरबीआई ने कहा, आर्थिक सुस्ती के बावजूद स्थिर है वित्तीय व्यवस्था
    कारोबार

    आरबीआई ने कहा, आर्थिक सुस्ती के बावजूद स्थिर है वित्तीय व्यवस्था

    Team JoharBy Team JoharDecember 28, 2019No Comments2 Mins Read
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    Joharlive Desk

    नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि आर्थिक विकास दर में सुस्ती के बावजूद देश की वित्तीय व्यवस्था में स्थायित्व बना हुआ है। वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.5 फीसदी के साथ छह साल के निचले स्तर पर पहुंचने से आरबीआई दिसंबर की अपनी मौद्रिक नीतिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में देश का विकास अनुमान 2.40 फीसदी घटाकर 5 फीसदी करने को मजबूर हो गया था।
    केंद्रीय बैंक ने अपनी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में कहा, ‘कमजोर घरेलू विकास दर के बावजूद भारत की वित्तीय प्रणाली में स्थायित्व बना हुआ है।’ रिपोर्ट में कहा गया कि ‘वैश्विक जोखिम, व्यापक परिदृश्य में जोखिम, वित्तीय बाजार में जोखिम और संस्थागत स्थितियो’ जैसे सभी बड़े जोखिम समूहों को वित्तीय प्रणाली को प्रभावित करने वाले मध्यम जोखिम माने जाते हैं। हालांकि आरबीआई ने कहा कि अप्रैल से अक्तूबर, 2019 के बीच घरेलू विकास दर, राजकोषीय, कंपनी क्षेत्र और बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में बढ़ोतरी जैसे कई मोर्चों पर जोखिम की धारणा बढ़ी है।
    आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों का सकल एनपीए (फंसा कर्ज) कर्ज अनुपात सितंबर 2019 को समाप्त तिमाही में 9.1 फीसदी पर स्थिर रहा। 2018-19 में भी इसी अवधि में एनपीए का स्तर यही था. सालाना आधार पर एनपीए के मोर्चे पर अच्छा सुधार दिखता है। जहां 2017-18 में एनपीए अनुपात 11.2 फीसदी था, वह 2018-19 में घटकर 9.1 फीसदी पर आ गया। वहीं सभी कॉमर्शियल बैंकों की शुद्ध एनपीए 2018-19 में पिछले साल के मुकाबले लगभग आधा घटकर 3.7 फीसदी पर आ गई जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह अनुपात 6 फीसदी था।

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