Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    18 Jun, 2025 ♦ 2:56 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»विदेश»अमेरिकी वैज्ञानिक को मिला गायब डाटा, दावा- चीन के वुहान लैब से ही फैला था कोरोनावायरस
    विदेश

    अमेरिकी वैज्ञानिक को मिला गायब डाटा, दावा- चीन के वुहान लैब से ही फैला था कोरोनावायरस

    Team JoharBy Team JoharJune 24, 2021No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    वॉशिंगटन: दुनियाभर में कोरोना वायरस कहां से आया इस बात को लेकर पिछले काफी समय से बहस चल रही है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इस मसले पर दो भागों में बंट गए हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान लैब से निकला है, तो कुछ कहते हैं क‍ि यह प्राकृतिक रूप से दुनिया के सामने खतरा बनकर उभरा है.

    इस बहस के बीच एक अमेरिकी वैज्ञानिक के शोध ने इस विवाद को नया रूप दे दिया है. इस शोध में बताया गया है कि उसने SARS-CoV-2 के बारे में संभावित महत्वपूर्ण आनुवांशिक डेटा को पुनः प्राप्त कर लिया है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म में रखा था और बाद में उसे हटा दिया गया था.

    अमेरिकी वैज्ञानिक को मिला गायब डाटा, दावा- चीन के वुहान लैब से ही फैला था कोरोनावायरस
    अमेरिकी वैज्ञानिक का दावा, चीन के वुहान लैब से ही दुनियाभर में फैला कोरोनावायरस.
    शोध में बताया गया है कि उसने SARS-CoV-2 के बारे में संभावित महत्वपूर्ण आनुवंशिक डेटा को पुनः प्राप्त कर लिया है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म में रखा था और बाद में उसे हटा दिया गया था.

    वॉशिंगटन. दुनियाभर में कोरोना वायरस कहां से आया इस बात को लेकर पिछले काफी समय से बहस चल रही है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इस मसले पर दो भागों में बंट गए हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान लैब से निकला है, तो कुछ कहते हैं क‍ि यह प्राकृतिक रूप से दुनिया के सामने खतरा बनकर उभरा है.

    इस बहस के बीच एक अमेरिकी वैज्ञानिक के शोध ने इस विवाद को नया रूप दे दिया है. इस शोध में बताया गया है कि उसने SARS-CoV-2 के बारे में संभावित महत्वपूर्ण आनुवांशिक डेटा को पुनः प्राप्त कर लिया है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म में रखा था और बाद में उसे हटा दिया गया था.

    फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के एक कम्प्यूटेशनल जीव वैज्ञानिक जेसी ब्लूम ने बताया कि उन्‍होंने बायोरेक्सिव सर्वर पर कोरोना वायरस से जुड़ी सभी जानकारी अपलोड कर दी हैं. बता दें कि बायोरेक्सिव एक ऐसा सर्वर है, जहां पर कोरोना से जुड़े अभी तक के शोध पेपर रिव्‍यू और पब्लिश होने से पहले रखे जाते हैं. ब्लूम के शोध का वैज्ञानिक महत्व स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने वैज्ञानिकों के बीच एक विवाद को जन्‍म दिया है. ब्‍लूम के शोध को लेकर कुछ वैज्ञानिकों ने इसे सही बताया है तो कुछ इससे संतुष्‍ट नहीं हैं.

    ब्लूम ने वॉशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा, ‘मैं मानता हूं कि यह एक हॉट टॉपिक है. यह एक अत्यधिक पारंपरिक वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है, लेकिन कम से कम इसमें कुछ नया डेटा और नई जानकारी है. ब्लून ने अपने शोध से जुड़ा सारा डेटा Google क्लाउड के माध्यम से निकाला है. इस शोध में कोई नई जानकारी तो नहीं दी गई है, लेकिन जो आंकड़े पेश किए गए हैं वो बताते हैं कि दुनियाभर में कोरोनावायरस चीन के वुहान से फैला था. इसमें बताया गया है कि वुहान में बेचे जाने वाले जानवरों से ही कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला था.

    शोध के बारे में जो जानकारी हाथ लगी है. उसके मुताबिक एनआईएच में डेटाबेस से डेटा हटा दिया गया था. उसी डेटा को संशोधित तरीके से मार्च 2020 में चीनी वैज्ञानिकों के एक पेपर में शामिल किया गया था और जून में जर्नल स्मॉल में प्रकाशित किया गया था.

    एनआईएच ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि जिस शोधकर्ता ने इस पेपर को लिखा था, उसी ने पेपर को हटाने का अनुरोध किया था ताकि वह उस पेपर को किसी अलग डेटाबेस में शामिल कर सके.एजेंसी ने कहा कि जब भी कोई शोधकर्ता हमसे इस तरह का अनुरोध करता है तो हम अपने यहां से पेपर हटा देते हैं. एनआईएच ने अपने बयान में उस वैज्ञानिक का नाम तो नहीं बताया है.

    International news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleब्लैक होल के सिकुड़ने को लेकर क्यों सही थे स्टीफन हाकिंग
    Next Article क्या अमेरिकी सरकार हफ्तेभर में एलियंस पर कोई बड़ा राज खोलने जा रही है?

    Related Posts

    देश

    बाली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट बीच रास्ते से यू-टर्न लेकर दिल्ली लौटी… जानें क्यों

    June 18, 2025
    विदेश

    इजरायली हवाई हमले में ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी मा’रे गए

    June 17, 2025
    विदेश

    कनाडा पहुंचे PM मोदी, ट्रंप ने बीच में छोड़ा G7 सम्मेलन

    June 17, 2025
    Latest Posts

    राजधानी में बारिश का कहर, कहीं गिरा पेड़, तो कहीं करंट से गयी जान

    June 18, 2025

    सड़क हादसे में बाइक सवार दो युवकों की मौ’त

    June 18, 2025

    भारी बारिश के बीच दर्दनाक सड़क हादसा, 22 वर्षीय युवक की मौके पर मौ’त…

    June 18, 2025

    पाकिस्तान में रेल हादसा: विस्फोट के बाद पटरी से उतरे जाफ़र एक्सप्रेस के 4 डिब्बे

    June 18, 2025

    कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर फा’यरिंग मामले में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट, छह आरोपी नामजद

    June 18, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.