Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट का 25वां स्थापना दिवस शनिवार को भव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का स्मरण करते हुए सभी को सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि न्याय सिर्फ विवादों का समाधान करना नहीं है, बल्कि समाज में समानता और पारदर्शिता बनाए रखना भी न्यायपालिका की जिम्मेदारी है।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि त्वरित न्याय के लिए तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है और न्यायपालिका के रिक्त पद भरने पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने पर जोर दिया।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन में तकनीक और ग्रीन एनर्जी का उपयोग किया गया है। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में एआई तकनीक के इस्तेमाल की संभावना और केंद्रीय न्यायाधिकरण की बेंच राज्य में स्थापित करने पर विचार का आश्वासन भी दिया।

स्थापना दिवस समारोह में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट के कई वरिष्ठ न्यायाधीश, अधिकारी और विशेष अतिथि शामिल हुए। इस दौरान डिजिटल न्याय, सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और महिला सशक्तिकरण पर चर्चा हुई। झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन की योजना भी सामने आई, जिसमें जनता को बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दिया गया।
समारोह में न्यायालय की गरिमा, निष्पक्षता और पारदर्शिता के महत्व को दोहराया गया और सभी को अपराध और अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़े रहने का संकल्प दिलाया गया।
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