Bihar: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मंगलवार को पावन धरती गया पहुंचे, जहां उन्होंने पितृपक्ष महापर्व के अवसर पर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी के तट पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उन्होंने श्राद्ध कर्म संपन्न किया। गौरतलब है कि गयाजी को हिंदू धर्म में मोक्ष की नगरी माना जाता है, जहां पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त होती है।
हर साल पितृपक्ष के दौरान हजारों श्रद्धालु देशभर से गया पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता है कि स्वयं भगवान श्रीराम ने भी अपने पिता राजा दशरथ के लिए यहीं पिंडदान किया था। यही वजह है कि इस स्थान की पौराणिक और धार्मिक महत्ता अत्यधिक है। वर्तमान में भी फल्गु नदी के घाटों और विष्णुपद मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
लालू यादव का गया पहुंचना केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा कदम नहीं माना जा रहा, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। लंबे समय से स्वास्थ्य कारणों से सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए रखने वाले लालू यादव ने पिंडदान के जरिए यह संकेत दिया है कि वे न सिर्फ अपनी आस्था के प्रति समर्पित हैं, बल्कि बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने को भी तैयार हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव का यह सार्वजनिक रूप से सामने आना विपक्षी दलों के लिए एक संदेश है। उनके कद और अनुभव का असर महागठबंधन पर भी पड़ेगा। भले ही वे अभी पूरी तरह से सक्रिय न हों, लेकिन उनकी उपस्थिति और रणनीतिक बयानबाजी चुनावी माहौल को नया मोड़ दे सकती है।