Deoghar : हरितालिका तीज के अवसर पर मंगलवार को बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सुहागिन महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिली। महिलाओं ने पारंपरिक सोलह श्रृंगार में सजकर मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की और पुरोहितों से व्रत कथा सुनी।
हरितालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इसे करवा चौथ से भी कठिन व्रत माना जाता है। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जल उपवास रखती हैं और अगले दिन पूजा के बाद ही व्रत खोलती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए सबसे पहले यह व्रत रखा था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए इस दिन व्रत करती हैं।
यह त्योहार झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्रों में खास महत्व रखता है। श्रद्धालु महिलाओं ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में शिव-पार्वती की सच्चे मन से पूजा की और सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना की।