New Delhi : इसरो ने गगनयान मिशन की तैयारी को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। रविवार को इसरो ने पैराशूट आधारित डीसेलेरेशन सिस्टम का सफल परीक्षण किया। यह टेस्ट एयर ड्रॉप सिस्टम के जरिए किया गया, जिसमें भारतीय वायु सेना, नौसेना, डीआरडीओ और तटरक्षक बल ने भी सहयोग किया।
इसरो ने बताया कि यह पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट था, जो पूरी तरह सफल रहा। यह सिस्टम अंतरिक्ष से लौटते समय यान की गति को धीमा करने में मदद करेगा ताकि अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित उतर सकें।
ISRO successfully accomplishes the first Integrated Air Drop Test (IADT-01) for an end-to-end demonstration of the parachute-based deceleration system for Gaganyaan missions. This test is a joint effort of ISRO, Indian Air Force, DRDO, Indian Navy and Indian Coast Guard
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— ANI (@ANI) August 24, 2025
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। इसमें चार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (400 किलोमीटर) में तीन दिन के लिए भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित वापस लाया जाएगा। लॉन्च से पहले एक मानव रहित मिशन भी होगा जिसमें ‘व्योममित्र’ नाम का रोबोट भेजा जाएगा।
प्रोपल्शन सिस्टम का काम भी पूरा
इसरो ने हाल ही में गगनयान के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया है। यह सिस्टम रॉकेट की दिशा, गति और ऑर्बिट तय करने में मदद करेगा और किसी आपात स्थिति में मिशन को रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित ला सकेगा। गगनयान मिशन को इसी साल लॉन्च करने की तैयारी है।
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