Patna : बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विशेष सर्वेक्षण अमीनों की हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाया है। विभाग ने साफ कर दिया है कि जनहित से जुड़े ‘राजस्व महाअभियान’ में किसी भी तरह की रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हड़ताल पर गए अमीनों के लॉगिन अकाउंट तुरंत बंद कर दिए गए हैं और उन्हें सरकारी दफ्तरों में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया है। सरकार अब उनकी नौकरी समाप्त करने और नई भर्ती शुरू करने पर विचार कर रही है।
‘राजस्व महाअभियान’ में कोई रुकावट नहीं
बिहार सरकार ने 16 अगस्त से ‘राजस्व महाअभियान’ शुरू किया है, जो 20 सितंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत हर पंचायत में दो-दो शिविर लगाकर लोगों की जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। अमीनों को लैपटॉप के साथ इन शिविरों में मौजूद रहकर जनता की शिकायतों को तुरंत हल करने का आदेश दिया गया है। विभाग का कहना है कि यह अभियान जनता की सेवा के लिए है, इसलिए इसमें किसी भी तरह की बाधा स्वीकार नहीं होगी।
हड़ताली अमीनों को सख्त चेतावनी
विभाग ने हड़ताली अमीनों को कड़ा संदेश दिया है कि जनता के साथ धोखा करने की कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं होगी। अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान की सफलता के लिए अमीनों का सक्रिय सहयोग जरूरी है और उनकी अनुपस्थिति जनसेवा में रुकावट डाल रही है। ऐसे में हड़ताली अमीनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।
आश्वासन तोड़ा, सरकार नाराज
जानकारी के अनुसार, 14 अगस्त को अपर मुख्य सचिव के साथ अमीन संघ के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में अमीनों ने वादा किया था कि वे हड़ताल नहीं करेंगे और अभियान में पूरा सहयोग देंगे। लेकिन इसके बावजूद कुछ अमीन हड़ताल पर चले गए। सरकार इसे विश्वासघात मान रही है और अब उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी में है।
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