Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    14 Aug, 2025 ♦ 1:24 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»Facts»उत्तरी भारत में मृत जन्म की दर चिंताजनक, शहरी क्षेत्रों में स्थिति गंभीर
    Facts

    उत्तरी भारत में मृत जन्म की दर चिंताजनक, शहरी क्षेत्रों में स्थिति गंभीर

    Kajal KumariBy Kajal KumariAugust 14, 2025No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    भारत
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Johar Live Desk : भारत में 2020 में हर एक हजार प्रसव में से 6.548 बच्चों का जन्म मृत हुआ, जिसमें शहरी माताओं में यह दर ग्रामीण माताओं की तुलना में अधिक पाई गई। यह खुलासा गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और नई दिल्ली के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों के एक अध्ययन में हुआ। अध्ययन के अनुसार, उत्तरी और मध्य भारत में मृत जन्म के मामले सबसे अधिक हैं, खासकर चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में। यह निष्कर्ष ‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

    एनीमिया और पोषण की कमी प्रमुख कारण

    शोध में पाया गया कि गर्भवती महिलाओं में एनीमिया (आयरन की कमी), कम वजन, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और संक्रमण जैसे कारक मृत जन्म के जोखिम को बढ़ाते हैं। समय से पहले जन्म और प्रसव के दौरान ऑक्सीजन की कमी या अन्य जटिलताएं भी इसके प्रमुख कारण हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) और 2020 की नागरिक पंजीकरण प्रणाली के डेटा के विश्लेषण से यह भी पता चला कि मृत जन्म की दर पुरुष भ्रूणों में थोड़ी अधिक है, जो उनकी जैविक संवेदनशीलता को दर्शाता है।

    दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर

    अध्ययन में बताया गया कि तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में सिजेरियन (सी-सेक्शन) प्रसव और स्वच्छ मासिक धर्म प्रथाओं के कारण मृत जन्म की दर अपेक्षाकृत कम है। NFHS-5 के अनुसार, 2019-20 में दक्षिण भारत में सी-सेक्शन प्रसव की दर लगभग 45% थी।

    आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां जरूरी

    असम, मेघालय, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आंकड़ों से पता चला कि गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार चिकित्सकीय जांच और आयरन व फोलिक एसिड का नियमित सेवन मृत जन्म के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।

    सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर

    शोधकर्ताओं ने बताया कि मृत जन्म की उच्च दर उन क्षेत्रों में देखी गई, जहां गर्भवती महिलाएं एनीमिक थीं, प्रसव अधिकतर सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में हो रहे थे और महिलाओं की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। शोध में यह भी उल्लेख किया गया कि लिंग-विशिष्ट मृत जन्म दरों में कोई खास असमानता नहीं देखी गई।

    Also Read : ट्रंप की पुतिन को दी चेतावनी, यूक्रेन युद्ध नहीं रुका तो होंगे गंभीर परिणाम

    situation is worse in urban areas Stillbirth rate in northern India is alarming उत्तरी भारत में मृत जन्म की दर चिंताजनक शहरी क्षेत्रों में स्थिति गंभीर
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleट्रंप की पुतिन को दी चेतावनी, यूक्रेन युद्ध नहीं रुका तो होंगे गंभीर परिणाम
    Next Article HDFC बैंक ने बढ़ाया न्यूनतम बैलेंस, SBI ने IMPS ट्रांजैक्शन पर बदले चार्ज

    Related Posts

    Facts

    सावधान! ज़रूरत से ज़्यादा Vitamin D हो सकता है बेहद घातक, किडनी और दिल पर सीधा असर

    August 13, 2025
    fact

    बालों की समस्याओं का प्राकृतिक समाधान : आयुर्वेद और विज्ञान की जुगलबंदी

    August 13, 2025
    fact

    मोटापा कम करने का आसान उपाय : मेथी का पानी… जानें फायदे और बनाने का सही तरीका

    August 12, 2025
    Latest Posts

    IAS विनय चौबे को हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

    August 14, 2025

    CM नीतीश ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया एरियल सर्वे

    August 14, 2025

    सूर्या हांसदा मुठभेड़ मामले की अब CID करेगी जांच

    August 14, 2025

    हर घर तिरंगा अभियान शुरू, तिरंगे के साथ सेल्फी लेकर पाएं सर्टिफिकेट

    August 14, 2025

    विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस : बंटवारे के दौरान जान गंवाने वालों को PM मोदी सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

    August 14, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.