Bihar : बिहार चुनाव व्यवस्था में एक नया कीर्तिमान रचते हुए देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां अब हर मतदान केंद्र (पोलिंग बूथ) पर 1200 से कम मतदाता ही होंगे. चुनाव आयोग ने इस फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि इसका मकसद वोटिंग प्रक्रिया को और सुगम और सुविधाजनक बनाना है, जिससे मतदाताओं को लंबी कतारों से राहत मिल सके. अब तक एक पोलिंग स्टेशन पर 1,500 वोटर तक की सीमा तय थी, लेकिन इस बार इसे घटाकर 1,200 वोटर कर दिया गया है.
इस बदलाव के लिए चुनाव आयोग ने बिहार में 12,817 नए पोलिंग स्टेशन बनाए हैं. इसके साथ ही राज्य में अब कुल 90,712 पोलिंग बूथ हो गए हैं, जो पहले 77,895 थे.
वोटिंग होगी आसान, लाइनें होंगी छोटी
इस फैसले से गांव और शहर दोनों जगह मतदान केंद्रों पर भीड़ कम होगी. बूथ पर मतदाताओं की संख्या कम होने से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग वोटरों को भी आरामदायक अनुभव मिलेगा.
इस बदलाव को “स्पेशल इंटेंसिव रिविजन” (SIR) के तहत लागू किया गया है, जो मतदाता सूची में सुधार और अपडेट के लिए चलाया जा रहा है.
7 करोड़ से ज्यादा फॉर्म जमा
चुनाव आयोग ने बताया कि SIR अभियान के दौरान अब तक 7 करोड़ 16 लाख से ज्यादा फॉर्म इकट्ठे किए जा चुके हैं. इनमें नए नाम जोड़ने, पुराने नाम हटाने और करेक्शन से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं.
आम जनता भी दे सकेगी सुझाव
एक और अहम बात, 1 अगस्त से आम नागरिक भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में किसी भी गड़बड़ी, नाम जोड़ने या हटाने को लेकर आपत्ति दर्ज करा सकेंगे. यानी अब अगर आपको लगता है कि किसी का नाम गलत तरीके से जुड़ा है, या किसी मृत व्यक्ति का नाम सूची में है, तो आप इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दे सकते हैं.
क्यों है यह कदम जरूरी?
बिहार जैसे बड़े और घनी आबादी वाले राज्य में कई बूथों पर हजारों लोग वोट डालने पहुंचते हैं, जिससे न सिर्फ लंबी कतारें लगती हैं बल्कि सुरक्षा और व्यवस्था भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है. इस कदम से अब मतदान का अनुभव बेहतर, तेज और सुरक्षित बनेगा.
चुनाव आयोग ने साफ किया कि उनका लक्ष्य है कि हर वोटर को सम्मान और सुविधा के साथ मतदान करने का अवसर मिले.
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