Patna : जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान बिहार BJP के प्रदेश अध्यक्ष और माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. दिलीप जायसवाल पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। किशोर ने दावा किया कि जायसवाल ने इस मेडिकल कॉलेज पर गलत तरीके से कब्जा किया और 50 से अधिक राजनेताओं और उनके रिश्तेदारों को बिना प्रवेश परीक्षा के कॉलेज में दाखिला दिलवाकर डॉक्टरी की डिग्री दी। इनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रिश्तेदार भी शामिल हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के संस्थापक सरदार मौलेश्वर सिंह के बेटे गुरदयाल सिंह समेत उनके परिवार के कई सदस्य मौजूद थे। किशोर ने कहा कि जायसवाल, जो पहले कॉलेज में क्लर्क की नौकरी करते थे, ने कथित तौर पर संस्थापक परिवार को ट्रस्ट से हटाकर पूरे सिस्टम पर कब्जा कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 25 सालों से यह सिलसिला चल रहा है, लेकिन किसी ने इस मुद्दे पर आवाज नहीं उठाई क्योंकि विभिन्न राजनीतिक परिवारों के रिश्तेदारों को मैनेजमेंट कोटे से बिना टेस्ट के दाखिला दिलाया गया।
राबड़ी देवी का ‘मुंहबोला भाई’ और जांच की मांग
प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि राजद की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी दिलीप जायसवाल को अपना ‘मुंहबोला भाई’ मानती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि एक क्लर्क से मेडिकल कॉलेज का निदेशक बनने तक का जायसवाल का सफर कैसे संभव हुआ। किशोर ने मांग की कि इस मामले की ईडी और सीबीआई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “जायसवाल ने सीमांचल के इस सिख माइनॉरिटी कॉलेज को गलत तरीके से हड़प लिया। इसके साथ ही, जिन लोगों ने इसका विरोध किया, उन्हें मेडिकल कॉलेज में सीट देकर चुप करा दिया गया।”
किशोर ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक पुलिस अधीक्षक (एसपी), जिसने जायसवाल के खिलाफ एक मामले में उनका नाम हटाया, उसकी पत्नी को भी कॉलेज में दाखिला दिलवाया गया।
परिवार के आरोप और BJP का पलटवार
माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के संस्थापक सरदार मौलेश्वर सिंह के परिजनों ने भी जायसवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि ट्रस्ट से परिवार को हटाकर जायसवाल ने कॉलेज पर एकछत्र नियंत्रण स्थापित किया। गुरदयाल सिंह ने कहा, “हमारे परिवार ने इस संस्थान को बनाया, लेकिन हमें इससे बाहर कर दिया गया।”
BJP ने इन आरोपों को ‘मनगढ़ंत’ करार देते हुए प्रशांत किशोर को सबूत पेश करने की चुनौती दी है। पार्टी का कहना है कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है। दूसरी ओर, राजद ने इस मामले को भुनाने की कोशिश की और BJP पर हमला बोला। राजद प्रवक्ता ने कहा, “यह BJP की सियासी हताशा को दर्शाता है।”
प्रशांत किशोर की चनौती
प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में BJP और जायसवाल को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, “अगर मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। लेकिन जायसवाल जवाब दें कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज पर कब्जा कैसे किया। उनकी सरकार है, डीजीपी और साइबर विशेषज्ञों से जांच करवाएं।” किशोर ने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ राजनीति का नहीं, बल्कि न्याय का है।
सियासी हलचल तेज
इस विवाद ने बिहार की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है। जन सुराज पार्टी, जो 2025 के विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, ने इन आरोपों के जरिए BJP और राजद दोनों को निशाने पर लिया है। किशोर की बढ़ती लोकप्रियता और उनके आक्रामक तेवर से सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। अब देखना यह है कि यह मामला जांच की दिशा में बढ़ता है या सिर्फ सियासी बयानबाजी तक सीमित रहता है।
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