Ranchi : झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह और पासवा (अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में गुरुवार को “वृहत नशा मुक्ति जागृति अभियान” की शुरुआत की गई। इस अभियान का उद्देश्य झारखंड को नशा मुक्त बनाना है।
इस अभियान की शुरुआत झारखंड के हर जिले में एक साथ की गई। इसके तहत राज्य के 47000 से अधिक विद्यालयों के शिक्षक गांव-गांव जाकर लोगों को नशा के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करेंगे और नशामुक्त समाज के निर्माण का संदेश देंगे।
इस मौके पर मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि “झारखंड को नशा मुक्त बनाना समाज और सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। पासवा जन-जागृति के क्षेत्र में लगातार काम करता आ रहा है और यह अभियान पूरे राज्य में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।”
राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि पासवा का लक्ष्य है कि ड्रग्स और शराब जैसी लत से दूर रहकर स्वस्थ और सशक्त युवा तैयार हों, जो राज्य और देश को मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों और गांवों के सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगाए जाएंगे और निबंध, भाषण, पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित कर छात्रों और अभिभावकों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
इस कार्यक्रम में पासवा के प्रदेश महासचिव नीरज सहाय, फलक फातिमा, केराली स्कूल के प्राचार्य राजेश पिल्लई, आकांक्षा के अध्यक्ष वी. के. सिंह, हजारीबाग के जिला अध्यक्ष मिंकु कुमार, मेघाली सेनगुप्ता सहित राज्यभर से आए सैकड़ों वॉलिंटियर्स उपस्थित थे। सभी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए तन, मन और धन से सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।
पासवा के इस अभियान का उद्देश्य झारखंड के हर युवा और बच्चे को नशे से दूर रखना है ताकि एक स्वस्थ, सुरक्षित और उज्ज्वल झारखंड का निर्माण हो सके।
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