Patna : बिहार के गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राज्य सरकार ने समस्तीपुर जिले के पूसा में एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गन्ना शोध संस्थान की स्थापना की योजना बनाई है. यह जानकारी गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने विकास भवन सचिवालय में एक ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर दी. मंत्री ने मीडिया को बताया कि इस संस्थान की स्थापना से गन्ना खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने में मदद मिलेगी और किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. विभागीय स्तर पर इस दिशा में कार्य तेज़ी से किया जा रहा है.
गन्ना किसानों के लिए विशेष मोबाइल एप
सरकार ने एक नए मोबाइल एप की भी शुरुआत की है, जिसके माध्यम से गन्ना किसानों को खेती से जुड़ी हर जरूरी जानकारी मिलेगी. इसमें उन्नत खेती के तरीके, रोग नियंत्रण, खाद और सिंचाई प्रबंधन, लागत कम करने की तकनीक, और कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी जाएगी.
उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्र मिलेंगे
मंत्री ने बताया कि भविष्य में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उन्नत यंत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और लागत घटेगी. उन्होंने कहा कि राज्य की 15 में से 8 बंद पड़ी चीनी मिलों की संपत्ति बियाडा को सौंप दी गई है और अब वहां नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे.
गुड़ इकाइयों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस व्यवस्था
गुड़ उत्पादन से जुड़े उद्यमियों के लिए एक बड़ी राहत की बात यह है कि अब सभी लाइसेंस प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई हैं. इससे उन्हें विभागीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. विभागीय सचिव बी. कार्तिकेय धनजी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता किसानों और निवेशकों को पारदर्शी और सरल प्रणाली के माध्यम से सुविधा देना है.
गन्ना किसानों के लिए एक नई दिशा
यह पूरी पहल राज्य में गन्ना किसानों के लिए एक नई शुरुआत मानी जा रही है. सरकार का उद्देश्य आधुनिक तकनीकों, डिजिटल सेवाओं और शोध आधारित सहायता के जरिए गन्ना उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है. मंत्री ने कहा कि बिहार के किसान अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे.
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