Patna : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद सुधाकर सिंह ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि चुनावी साल में विभाग का बजट तीन से चार गुना बढ़ा दिया गया है और इस बढ़े हुए बजट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है.
20,000 करोड़ के बजट में 10,000 करोड़ की “लूट”
सुधाकर सिंह ने आरोप लगाया कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए तय किए गए 20,000 करोड़ रुपए के बजट में से आधी राशि—यानी 10,000 करोड़—विभागीय मंत्री, अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा “लूटने” की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि पहले इस योजना में छोटे ठेकेदारों को भी मौका मिलता था, लेकिन अब एक खास सिंडिकेट पूरी प्रक्रिया पर कब्जा जमाए बैठा है.
इंजीनियरों का सिंडिकेट और टेंडर में धांधली
सांसद ने बताया कि अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता मिलकर एक सिंडिकेट बना चुके हैं, जो टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर रहा है. उन्होंने दावा किया, “जो पहले कमीशन देगा, टेंडर उसे ही मिलेगा. जो नहीं देगा, उसका आवेदन सीधे रिजेक्ट कर दिया जाता है.”
VS कंस्ट्रक्शन के फर्जी टर्नओवर का खुलासा
सुधाकर सिंह ने भभुआ की एक कंपनी, VS कंस्ट्रक्शन, का उदाहरण देते हुए बताया कि इस कंपनी का असली टर्नओवर 54 लाख रुपए है, जबकि टेंडर पास कराने के लिए इसका टर्नओवर फर्जी तरीके से 55 करोड़ रुपए दिखाया गया. उन्होंने कहा कि GST भुगतान से असली टर्नओवर का पता चलता है, और इस कंपनी ने केवल लाखों में GST भरा है, फिर भी उसे करोड़ों का काम मिल गया.
आंदोलन की चेतावनी
सुधाकर सिंह ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच बिहार निगरानी विभाग से कराई जाए और लोकायुक्त को भी इसकी सूचना दी गई है. उन्होंने कहा कि ऐसे सैकड़ों मामलों की परतें अभी खुलनी बाकी हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जनवरी में जिस सड़क का उद्घाटन प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने किया था, वह मार्च तक गड्ढों में बदल चुकी है.” सांसद ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे राज्यभर में आंदोलन करेंगे और सड़कों पर उतरकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.
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