Patna : बिहार के राज्य विश्वविद्यालयों में लंबे समय से रिक्त चल रहे प्राचार्य पदों पर अब नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है. अब प्राचार्यों का पदस्थापन रैडम लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी. इस प्रक्रिया का संचालन तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा किया जाएगा.
राज्यपाल के प्रधान सचिव आर.एल. चोंग्थू ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि प्राचार्य पद पर पदस्थापन के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करना अनिवार्य है. कमेटी में संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति अध्यक्ष होंगे, जबकि राज्यपाल द्वारा मनोनीत एक सदस्य और विश्वविद्यालय के कुलसचिव भी सदस्य के रूप में मौजूद रहेंगे.
कैसे होगी लॉटरी प्रक्रिया
लॉटरी से पहले अनुमंडलवार अंग्रेजी वर्णक्रमानुसार कॉलेजों की सूची तैयार की जाएगी. साथ ही, अनुशंसित 116 प्राचार्य शिक्षकों के नाम की अलग-अलग पर्चियां बनाई जाएंगी. प्रत्येक अनुमंडल के लिए प्राचार्य से प्राथमिकता विकल्प लिया जाएगा, लेकिन यह विकल्प कॉलेज का न होकर अनुमंडल का होगा. प्रत्येक जिले में कार्यरत किसी कार्यालय परिचारी (चपरासी) या समकक्ष कर्मी द्वारा प्राचार्य की पर्ची निकाली जाएगी और उस पर्ची में अंकित नाम के शिक्षक को क्रमशः प्रथम कॉलेज आवंटित किया जाएगा.
विशेष मामलों में मिलेगा विकल्प
पति-पत्नी दोनों यदि किसी विश्वविद्यालय या सार्वजनिक सेवा में कार्यरत हों तो एक ही स्थान पर पदस्थापन के लिए विकल्प मिलेगा. इसके अलावा, स्वयं या आश्रित परिजन को जीवन-घातक बीमारी होने की स्थिति में भी नियुक्ति स्थान को लेकर विकल्प दिया जाएगा. इसके लिए शपथ पत्र या मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा ली जाएगी. शारीरिक रूप से अक्षम आश्रित होने की स्थिति में भी विशेष विचार किया जाएगा, बशर्ते वह प्राचार्य पर निर्भर हों.
प्रक्रिया में जनप्रतिनिधि भी रहेंगे मौजूद
जिस दिन कॉलेजों का आवंटन किया जाएगा, उस दिन सांसद, विधायक, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, अनुशंसित प्राचार्य एवं अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा 116 शिक्षकों को प्राचार्य पद के लिए योग्य घोषित किया गया है. इनमें से कई की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है जबकि कुछ विश्वविद्यालयों में यह प्रक्रिया अभी शेष है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय में अभी काउंसलिंग की तिथियां तय नहीं की गई हैं.
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