Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    18 Jun, 2025 ♦ 8:40 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»प्रवासियों का दर्द : गरीब कल्याण रोजगार अभियान से उम्मीदों को मिलेगा पंख
    जोहार ब्रेकिंग

    प्रवासियों का दर्द : गरीब कल्याण रोजगार अभियान से उम्मीदों को मिलेगा पंख

    Team JoharBy Team JoharJuly 2, 2020No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Joharlive Desk

    बेगूसराय। जनकवि बाबा नागार्जुन ने अपनी रचना अकाल और उसके बाद में लिखा था ‘कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।’ देश के विभिन्न शहरों में कुछ ऐसे ही जलालत झेलकर घर वापस लौटे तथा लौट रहे प्रवासियों के हालातों की धरातलीय सच्चाई यही बयां कर रही है। देश में कोरोना के आक्रमक रूप पकड़ने के बाद 80 प्रतिशत से अधिक लोग घर आ चुके हैं। लेकिन यहां भी उनकी हालत बाबा नागार्जुन की कविता से बेहतर नहीं है। प्रवासियों को गांव में रोकने के लिए सरकार विभिन्न तरह की योजना चला रही है, जिसमें कुछ हजार मजदूरों को काम भी मिल रहा है। लेकिन अधिकतर लोगों को जब काम नहीं मिल रहा है तो वह फिर से शहरों की ओर लौटने लगे हैं।

    मजबूरी है करें भी तो क्या करें, रोटी के लिए रोजी चाहिए, लेकिन यहां रोजी रोजगार का ठोस विकल्प नहीं मिल रहा है। शासन-प्रशासन द्वारा लोगों को उनके स्कील के अनुसार रोजगार देने की कवायद किया जा रहा है, लेकिन व्याप्त दोष के कारण समुचित रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वैशाली एक्सप्रेस से दिल्ली से आकर सदर अस्पताल में कोरोना के लिए बुधवार को लाइन में लगे प्रमोद कुमार राय, अजय राय, संतोष कुमार आदि ने बताया कि कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए लागू लॉकडाउन से सबसे अधिक देश की श्रमशक्ति प्रभावित हुई है। कोरोना के वायरस ने सेहत के साथ रोजगार पर गहरा चोट किया। शहरों की किस्मत गढ़ने वाले हमारे जैसे लाखों हाथ बेरोजगार हो गए, पूंजी ने मुश्किल समय में श्रम को भुला दिया तो कठोर श्रम से महानगरों के विकास की इबारत लिखने वाले श्रमिक ठगा सा खाली हाथ अपने गांव-घर लौट गए हैं।

    श्रम के दिल पर पूंजी के दिए जख्म इतने गहरे हुए कि शहरों की तरफ जाने वाले मजदूरों के पांव बांध दिए हैं। फिलहाल तो हमलोगों ने ठान लिया है कि जैसे भी रहें अपना घर, अपना गांव छोड़कर शहरों का रूख नहीं करेंगे। हर कोई अब अपने परिवार के साथ रह कर गांव में ही दो जून की रोटी का जुगाड़ करने की जुगत में रहेंगे। हमें ग्रामीण योजनाओं में काम मिलने की आसा है, केंद्र और राज्य सरकारों ने भी भरण-पोषण का बंदोबस्त करने की जिम्मेदारी को समझा है। बड़ी संख्या में घर लौटकर आए श्रमिक सरकारों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। इसी के मद्देनजर केंद्र से लेकर राज्य की सरकारों ने रोजगार सृजन की पहल शुरू कर दी है। गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत रोजगार की त्वरित व्यवस्था कोरोना से लड़खड़ा चुके लोगों को ना सिर्फ तत्काल सहारा मिलेगा, बल्कि भविष्य गढ़ने का रास्ता भी खुलेगा। इसके आलावा जो निर्माण कार्य होंगे, उससे गांव का विकास होगा।

    आत्मनिर्भर भारत का सपना भी इससे पूरा हो सकेगा। इस दौर में केंद्र ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जो रूपरेखा तय की है, उसमें श्रमिकों का गांव में टिकना जरूरी है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गांवों में सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योगों को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के बाद व्यापक रोजगार सृजन संभव होगा। इससे ना सिर्फ हम प्रवासियों के स्थायी रोजगार की समस्या हल होगी, बल्कि शहरों पर आश्रित गांवों के आत्मनिर्भर बनने की गति भी तेज होगी। आत्मनिर्भर भारत योजना और उसके बाद गरीब कल्याण रोजगार अभियान से गांव और प्रवासी श्रमिकों की उम्मीदों को पंख मिल सकता है। शहरों को संवारने वाले हमारे हाथ अब गांवों के विकास की इबारत लिखने का संकल्प लें चुके हैं। हम परदेसी शहरों के बदले अपने गांव-समाज, अपने जिला और राज्य के विकास का संकल्प लेकर घर लौटे हैं।

    Bihar news Latest news Migrant Laborers Online news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleएलएसी पर चीन के साथ बढ़ा तनाव, सतर्क हुई भारतीय सेना
    Next Article देवघर : चलन्त भोजनालय के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है ताजा भोजन

    Related Posts

    जोहार ब्रेकिंग

    धनबाद में CBI ने अधिकारी और क्लर्क को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

    June 18, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    JJMP सब जोनल कमांडर बैजनाथ सिंह ने किया सरेंडर, मुख्यधारा से जुड़ा

    June 18, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    घूसखोर CO चढ़ा ACB के हत्थे, जमीन म्यूटेशन के लिए मांगा था रिश्वत

    June 18, 2025
    Latest Posts

    जेलों की सुरक्षा होगी और मजबूत, जैमर और CCTV से होगी निगरानी…

    June 18, 2025

    पाकुड़ में शुरू हुआ तीन दिवसीय पुलिस ड्यूटी मीट, छह जिलों के अधिकारी शामिल

    June 18, 2025

    धनबाद में CBI ने अधिकारी और क्लर्क को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

    June 18, 2025

    JJMP सब जोनल कमांडर बैजनाथ सिंह ने किया सरेंडर, मुख्यधारा से जुड़ा

    June 18, 2025

    घूसखोर CO चढ़ा ACB के हत्थे, जमीन म्यूटेशन के लिए मांगा था रिश्वत

    June 18, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.