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    Home»झारखंड»सतह पर आया संथाल में भाजपा का कलह, देवघर में सांसद-विधायक समर्थकों में मारपीट, दुमका में समीक्षा बैठक के दौरान हंगामा
    झारखंड

    सतह पर आया संथाल में भाजपा का कलह, देवघर में सांसद-विधायक समर्थकों में मारपीट, दुमका में समीक्षा बैठक के दौरान हंगामा

    Team JoharBy Team JoharJune 17, 2024No Comments4 Mins Read
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    देवघर विधायक नारायण दास ने गोड्डा सांसद निशिकांत पर गुंडों से पिटवाने का आरोप लगाया

    दुमका की भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन ने विधायक-विधानसभा प्रभारियों पर फोड़ा हार का ठीकरा

    रांची : लोकसभा चुनाव के बाद संथाल परगना में भाजपा का अंतर्कलह सामने आ गया है. लोकसभा चुनाव में हार-जीत की समीक्षा के दौरान संथाल में भाजपा कार्यकर्ताओं का हंगामा सामने आया है. चुनाव के बाद जब सभी विधानसभा क्षेत्रों में मिले मिले वोटों के आंकड़े सामने आये तक प्रत्याशियों और उस विधानसभा के विधायक और प्रभारियों के बीच जंग शुरू हो गई है. सांसद और सांसद प्रत्याशी अपनी हार या कम वोट आने का ठीकरा पार्टी के विधानसभा प्रभारियों पर फोड़ रहे हैं. सोमवार को भाजपा ने देवघर में गोड्डा लोकसभा सीट के लोकसभा रिजल्ट की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी. इस बैठक में स्थानीय विधायक नारायण दास और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई. विधायक ने सांसद पर हंगामा और मारपीट करने का आरोप लगया. इससे पहले दुमका लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन ने अपनी हार के लिए भाजपा विधायक रणधीर सिंह, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी और पूर्व सांसद सुनील सोरेन समेत कई नेताओं को जिम्मेदार ठहराया. रविवार को दुमका में भी चुनाव परिणाम की समीक्षा बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया.

    समीक्षा करने पहुंच पदाधिकारी कार्यकर्ताओं पर काबू पाने में रहे फेल

    चुनाव परिणाम आने के बाद हार-जीत को लेकर इतना बवाल नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही समीक्षा शुरू हुई वैसे ही प्रत्याशियों ने अपनी हार की जिम्मेदारी दूसरे नेताओं पर थोप कर अपनी कमजोरियों को छिपाने की कोशिश शुरू कर दी. चुनाव परिणाम की समीक्षा करने गये प्रदेश स्तर के नेताओं की कमजोरी के कारण भी कार्यकर्ता अनुशासनहीनता पर उतर आये. संथाल परगना की तीनों लोकसभा सीट के परिणाम की समीक्षा करने के लिए रांची से प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू और प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय संथाल दौरे पर हैं. यह दोनों नेता भाजपा के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं पर काबू पाने में असक्षम साबित हुए. यही वजह है कि कार्यकर्ता इनके सामने ही हंगामा करने लगे.

    क्या नारायण के आरोपों को भाजपा गंभीरता से लेगी ?

    नारायण दास और सीता सोरेन ने जो आरोप लगाये हैं. उससे यह साफ है कि संथाल परगना में भाजपा के अंदर काफी खींचतान चल रही है. नारायण दास ने आरोप लगाया है कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे गोड्डा लोकसभा सीट के अंदर पड़ने वाले विधानसभा सीटों के किसी विधायक और भाजपा नेता को पसंद नहीं करते हैं. निशिकांत गोड्डा विधायक अमित मंडल, मधुपुर के पूर्व विधायक राज पलिवार, महगामा के भाजपा नेता अशोक भगत को देखना नहीं चाहते हैं. अगर इस आरोप में थोड़ा भी दम है तो यह आने वाले समय में भाजपा के लिए बुरा संकेत हैं. इन कारणों से विधानसभा सीटों पर भाजपा कमजोर हुई तो अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है. सांसद-विधायकों में समन्वय की कमी को दूर करने के लिए पार्टी नेतृत्व को जल्द ठोस कदम उठाना होगा.

    सीता की बेबाकी विधानसभा चुनाव में उनके लिए पैदा कर सकती है मुश्किल

    सीता सोरेन ने दुमका सीट से हार के लिए पूर्व मंत्री लुईस मरांडी, विधायक रणधीर सिंह और पूर्व सांसद सुनील सोरेन को जिस तरह जिम्मेवार ठहराया है. उससे यह लग रहा है कि दुमका में भाजपा के अंदर गुटबाजी चरण पर है, लेकिन जिस तरह से सीता ने प्रदेश नेतृत्व की क्षमता पर सवाल उठा दिया है उससे कहीं न कहीं यह लग रहा है कि सीता सोरेन का अब भाजपा से मोह भंग हो चुका है. सीता सोरेन के इस तरह खुलकर आरोप लगाने से पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता काफी नाराज हैं. सीता सोरेन की यह बेबाकी उनके लिए आगामी विधानसभा चुनाव में मुश्किल पैदा कर सकती है.

    गोड्डा देवघर निशिकांत दुबे भाजपा राजनीति विधायक सांसद
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