Johar Live Desk : पूरी दुनिया आज यानी गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस मना रही है, जो हर साल 5 जून को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है : “End Plastic Pollution” (प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें) जो आज के समय की सबसे गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं में से एक पर रोशनी डालती है।
इतिहास
संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा 1972 में शुरू किए गए इस दिन की नींव स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान रखी गई थी, जहां पर्यावरण की सुरक्षा पर पहली वैश्विक चर्चा हुई थी। इसके बाद United Nations Environment Programme (UNEP) की स्थापना की गई और 5 जून को आधिकारिक तौर पर विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में घोषित किया गया।
प्लास्टिक प्रदूषण पर क्यों ध्यान?
हर साल दुनिया भर में लाखों टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, लेकिन उसका केवल एक छोटा हिस्सा ही रिसाइकिल हो पाता है। बाकी प्लास्टिक न तो नष्ट होता है और न ही प्राकृतिक रूप से डिकंपोज होता है। यह प्लास्टिक नदियों, समुद्रों और जमीन पर जमा होकर जानवरों, समुद्री जीवों और इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। माइक्रोप्लास्टिक से मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
क्या कर सकते हैं हम?
विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को छोटे-छोटे कदम उठाकर बड़ा बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना भी है :
- सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें।
- रिसाइक्लिंग और री-यूज़ को अपनाएं।
- अपने आस-पास स्वच्छता और हरियाली बनाए रखें।
- पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का चयन करें।
विश्व पर्यावरण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति हमारी ज़िम्मेदारी है और इसकी सुरक्षा से ही हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा।
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