Dhanbad : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) में गुरुवार की रात उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मामला इतना बिगड़ गया कि अस्पताल स्टाफ को सुरक्षा अलार्म तक बजाना पड़ा, और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर बुलाना पड़ा।
मरीज की हालत बिगड़ने के बाद हुई मौत
मृतका की पहचान 46 वर्षीय मंजू देवी, पति सुरेंद्र कुमार तिवारी, निवासी गोधर 6 नंबर के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, उन्हें गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे सीने में दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। इमरजेंसी में जांच के बाद उन्हें वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया।
परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान दिए गए एक इंजेक्शन के बाद मरीज की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, लेकिन डॉक्टरों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। अंततः रात करीब 8 बजे मंजू देवी की मृत्यु हो गई। महिला की मौत की खबर मिलते ही परिजन आक्रोशित हो उठे। उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और इलाज से जुड़े कई दस्तावेजों को फाड़ डाला। जब कुछ परिजन चिकित्सकों के साथ मारपीट की कोशिश करने लगे, तो स्टाफ को आपातकालीन अलार्म बजाना पड़ा। मौके पर पहुंचे अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में किसी तरह स्थिति पर काबू पाया गया।
अस्पताल प्रशासन का पक्ष
अस्पताल अधीक्षक डॉ. दिनेश गिंदौड़िया ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मृतका की हालत पहले से ही गंभीर थी, और इसकी जानकारी परिजनों को दी गई थी। चिकित्सकों ने मरीज को रेफर करने का सुझाव भी दिया था, लेकिन परिजन अस्पताल में ही इलाज कराने पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि, “हमारी टीम ने पूरी कोशिश की, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप तथ्यात्मक नहीं है।”
जूनियर डॉक्टरों का विरोध, ओपीडी सेवा ठप
हंगामे के दौरान परिजनों और ड्यूटी पर तैनात इंटर्न डॉक्टर व कर्मियों के बीच मारपीट की घटना भी हुई। इसके विरोध में शुक्रवार को SNMMCH के जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा बंद कर दी और अस्पताल परिसर में धरना दिया। डॉक्टरों ने ड्यूटी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की। जानकारी के अनुसार, परिजनों द्वारा हमले के जवाब में कई जूनियर डॉक्टर मौके पर पहुंचे और आरोपित परिजन की जमकर पिटाई की।
घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, हालांकि पुलिस और प्रशासन की दखल के बाद हालात पर काबू पाया गया। परिजन शव लेकर चले गए, लेकिन चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर असंतोष बरकरार है।
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