Ranchi : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 1.17 करोड़ से ज्यादा मृत व्यक्तियों के आधार नंबर डिएक्टिवेट कर दिए हैं. यह फैसला पहचान के गलत इस्तेमाल को रोकने और आधार डेटाबेस को सटीक बनाए रखने के मकसद से लिया गया है. दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद भी उसका आधार कार्ड इस्तेमाल होता रहता है. खासकर सरकारी योजनाओं या किसी तरह की धोखाधड़ी में. अब UIDAI ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए “मृत व्यक्ति की रिपोर्टिंग” नाम से एक नई सेवा भी शुरू की है.
कैसे बंद होगा मृत व्यक्ति का आधार?
UIDAI की इस नई सुविधा के तहत अब कोई भी परिवार का सदस्य myAadhaar पोर्टल पर जाकर मृत व्यक्ति की जानकारी दे सकता है. इसके लिए जरूरी होगा:
- मृतक का आधार नंबर
- मृत्यु प्रमाण पत्र नंबर
- अन्य बुनियादी जानकारी
- रिपोर्ट करने वाले सदस्य की खुद की पहचान
इस जानकारी की जांच के बाद UIDAI आधार नंबर को डिएक्टिवेट कर देगा, ताकि उसका आगे किसी भी तरह से गलत इस्तेमाल न हो सके.
अब तक क्या-क्या हुआ?
UIDAI ने जानकारी दी कि उन्हें अब तक 1.55 करोड़ मौत से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं, जिनमें से 1.17 करोड़ आधार पूरी जांच के बाद बंद कर दिए गए हैं. बाकी राज्यों से डेटा आना अभी भी जारी है. वहीं, 100 साल से ज्यादा उम्र वालों के रिकॉर्ड को भी राज्यों से सत्यापित कराया जा रहा है ताकि यह तय हो सके कि वे जीवित हैं या नहीं.
क्यों जरूरी था ये कदम?
आधार देश का सबसे बड़ा पहचान पत्र है और इससे बैंकिंग, सरकारी सब्सिडी, राशन और अन्य योजनाएं जुड़ी होती हैं. ऐसे में मृत व्यक्ति का आधार अगर एक्टिव रहता है, तो उसकी मदद से फर्जीवाड़ा मुमकिन हो सकता है. UIDAI का ये नया प्रयास इसी खतरे को रोकने के लिए है.
राज्य सरकारों का सहयोग
UIDAI ने बताया कि वह राज्य सरकारों और नगर निकायों के साथ मिलकर यह डेटा जुटा रहा है. अभी यह सेवा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है, बाकी राज्यों को भी जल्द जोड़ा जाएगा.
UIDAI का यह कदम डिजिटल इंडिया को और सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है, जिससे आम लोगों की पहचान सुरक्षित रहेगी और किसी मृत व्यक्ति की जानकारी का दुरुपयोग नहीं होगा.
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