कोरोना और बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही सरकार

Joharlive Desk

पटना। बिहार सरकार कोरोना और बाढ़ के संकट से निपटने के लिए अस्पतालों और आपदा प्रबंधन तंत्र की क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही बाढ़ ने निपटने के लिए सुरक्षात्मक उपायों में तेजी लाने के लिए कहा है। 

दरअसल, गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया से संवाद करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क सचिव अनुपम कुमार ने इससे जुड़ी तमाम जानकारियां साझा कीं। इस दौरान उनके साथ सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार, सचिव जल संसाधन सजीव हंस और अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू भी मौजूद रहे।

  • स्वास्थ्य सेवा के लिए सरकार ने लिए ये अहम निर्णय
  • कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर लगातार सरकार के स्तर पर गहराई से समीक्षा की जा रही है। आज भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक भी हुई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की गई। 
  • कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए विभिन्न अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज की व्यवस्था, बेड्स कैपिसिटी बढ़ाने के साथ पर्याप्त ऑक्सीजन कंसनट्रेटर, ऑक्सीजन पाइपलाइन, वेंटिलेटर्स सहित अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सुविद्याओं का विस्तार किया जा रहा है।
  • सभी अनुमंडल अस्पतालों में एंटीजन टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है और करीब एक लाख किट्स भेजी जा रही हैं ताकि जो लोग भी अपनी जांच कराना चाहते हैं, ऑन डिमांड टेस्टिंग के आधार पर उनकी जांच आसानी से हो जाए।
  • कोविड-19 के इलाज के लिए वर्तमान में करीब 8,000 बेड्स उपलब्ध हैं। अतिरिक्त 5,000 बेड्स बढ़ाने का आज निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग बेड्स बढ़ाने की दिशा में कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में व्यवस्था के लिए सभी जिलाधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है।
  • आज निर्णय लिया गया कि मुख्यालय एवं अनुमंडल स्तर पर निजी अस्पतालों में इलाज की दर निर्धारित की जाए ताकि लोगों को परेशानी न हो। कुछ जगहों से सैंपल पेंडिंग रहने की शिकायतें मिली हैं। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग सैंपल के परिणाम 24 घंटे में उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर काम करे।
  • खाद्य समस्या न हो इसलिए बांटे 21 लाख राशन कार्ड
  • सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 23 लाख 38 हजार 990 नए राशन कार्ड बने हैं। इनमें से अब तक 21 लाख 55 हजार 269 राशन कार्ड बांटे गए हैं। 
  • इस प्रकार करीब 92 प्रतिशत राशन कार्डों का वितरण हो चुका है।
  • रोजगार सृजन पर भी सरकार ध्यान दे रही है और लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक 5 लाख 55 हजार से अधिक योजनाओं में 11 करोड़ 55 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है।
  • राज्य में क्या है कोरोना की स्थिति
  • स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,083 लोग स्वस्थ हुए हैं। अब तक 20,959 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं और इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 66.14 प्रतिशत है। 
  • 22 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 717 मामले सामने आए हैं। राज्य में कोविड-19 के 10,120 सक्रिय मामले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 10,015 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गई कुल जांच की संख्या 4,19,208 है। 
  • कोरोना संक्रमण के माइल्ड सिम्टोमैटिक, प्री-सिम्टोमैटिक या बिना लक्षण वाले लोगों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है और उनके स्वास्थ्य की पड़ताल के लिए कर्मियों का एक दल है। 
  • उन्होंने बताया कि जिन लोगों के घर में परिवार के अन्य सदस्यों से खुद को होम आइसोलेशन में पृथक रहने के लिए जगह नहीं है, उन्हें जिला स्तर पर गठित कोविड केयर सेंटर में रखा जाता है। 
  • कोविड केयर सेंटर्स के लिए करीब 40,000 बेड्स का स्थान चयनित है। इनमें से लगभग 20,000 बेड्स तैयार हैं। मोडरेट केस वाले व्यक्तियों को जिला स्तर पर बने डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में रखा जाता है। इनमें भी लगभग 4,000 बेड और अन्य जरूरी व्यवस्था है।
  • सभी 9 मेडिकल कॉलेजों और एम्स पटना को मिलाकर सीवियर केसेज के लिए करीब 3,500 बेड उपलब्ध हैं। आज इन्हें और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए गुरु गोविंद सिंह अस्पताल (पटना सिटी) को एनएमसीएच के साथ संबद्ध कर 100 बेड बढ़ाए जाएंगे। 
  • मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में 400 और बेड बढ़ेंगे। यहां पहले से 100 बेड उपलब्ध हैं। ईएसआई अस्पताल (बिहटा) में अभी 100 बेड और बाद में 300 बेड की व्यवस्था की जाएगी।
  • ज्ञान भवन में 100 बेड व अन्य जरूरी व्यवस्था की जा रही है। इससे 1,100 अतिरिक्त बेड बढ़ेंगे। जिला स्तर पर बी टाइप और डी टाइप 13,000 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेजों में बी टाइप और डी टाइप 5,000 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। मार्च के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था में 393 अतिरिक्त वेंटिलेटर जोड़े गए हैं।
  • मास्क नहीं पहनने पर वसूला साढ़े 43 लाख रुपये का जुर्माना
  • अपर पुलिस महानिदेशक जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 की गाइडलाइन का पालन किया और कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में एक मामला दर्ज किया गया है और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 
  • इस दौरान 1,117 वाहन जब्त किए हैं और 26 लाख 12 हजार 250 रुपये की राशि जुर्माने में वसूली है। 1 जुलाई से अब तक 28 मामले दर्ज हुए हैं और 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 18,210 वाहन जब्त किए गए हैं और 04 करोड़ 35 लाख 71 हजार रुपये की राशि जुर्माने में वसूली गई है। 
  • पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 7,598 व्यक्तियों से 3 लाख 79 हजार 900 रुपये का जुर्माना वसूला है। 5 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 87,083 लोगों से 43 लाख 54 हजार 150 रुपये जुर्माना वसूला गया है। 
  • नदियों का ऐसा है हाल
  • सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बागमती नदी ढ़ेंग से लेकर बेनीबाद तक स्थिर है। कमला बालान नदी और अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर भी स्थिर है।
  • महानंदा नदी भी किशनगंज के तैयबपुर में स्थिर है। बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर है, इसमें पिछले 24 घंटे में जलस्तर 12-14 सेंटीमीटर बढ़ा है। गंगा नदी का जलस्तर बक्सर में 14 सेंटीमीटर, दीघा और गांधी घाट में 25 सेंटीमीटर बढ़ा है, लेकिन यह खतरे के निशान से नीचे है।
  • गंडक नदी का वाल्मिकीनगर में दिन के 2 बजे 2,00,600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यहां अगले 24 घंटे में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसे लेकर अलर्ट जारी किया है। जल संसाधन विभाग ने भी पूरी तैयारी की है।
  • कोसी नदी में 1,72,440 क्यूसेक पानी था। अगले 72 घंटे में इस इलाके में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। गंडक नदी के तटबंध में कई जगहों पर सीपेज और पाइपिंग पाई गई, जिसे तुरंत दुरुस्त किया है। 
  • बागमती नदी में यही सुधार कार्य किए गए हैं। नेपाल के पूर्वी एपलेक्स बांध के एक स्पर में डैमेज हुआ था, किंतु उसे भी रिपेयर और रीस्टोर कर लिया गया है। 
  • आपदा प्रबंधन विभाग भी मुस्तैद
  • आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए विभाग पूरी तरह से सतर्क है। बढ़े हुए जलस्तर से 10 जिलों के 64 प्रखंडों की 426 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
  • सुपौल में 2, पश्चिमी चम्पारण में 5, पूर्वी चम्पारण में 8, गोपालगंज में 12 और खगड़िया में 01 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 28 में कुल 13,877 लोग हैं। 
  • गोपालगंज में 14, सुपौल में 02, पूर्वी चंपारण में 27, पष्चिमी चम्पारण में 05, दरभंगा में 122, सीतामढ़ी में 03, खगड़िया में 01, षिवहर में 03, मुजफ्फरपुर में 15 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं। इनकी कुल संख्या 192 है। इनमें रोज 79,958 लोग भोजन कर रहे हैं। 
  • प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात है। लो लाइन एरिया में बोट चलाई जा रही हैं। सुपौल में 150, पश्चिमी चम्पारण में 16, खगड़िया में 40 और पूर्णिया में 76 बोट चल रही हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट किया है।