Johar Live Desk : भारत, जापान और चीन जैसे देशों में पूजा के दौरान धूप और अगरबत्ती जलाना एक प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है। यह वातावरण को शुद्ध करने, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने और भक्ति दिखाने का माध्यम माना जाता है। लेकिन, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, अगरबत्ती के धुएं से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे आंखों, नाक, गले में जलन, सांस की दिक्कत, एलर्जी, हृदय रोग, न्यूरोसाइकोलॉजिकल समस्याएं और यहां तक कि फेफड़ों का कैंसर।
धुएं से होने वाली समस्याएं
- आंख, नाक और गले में जलन : धुआं सांस के साथ अंदर जाने पर आंखों और गले में जलन होती है।
- एलर्जी और सांस की समस्या : एलर्जी से पीड़ित लोगों को साइनस और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- खांसी और कमजोरी : लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से खांसी, थकान, चक्कर, पैरों में सूजन और अंगों में दर्द हो सकता है।
- गंभीर बीमारियां : रोजाना धुआं सांस में लेने से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, सीओपीडी और फेफड़ों का कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
अध्ययन का खुलासा
एक अध्ययन के अनुसार, 65 वर्षीय महिला जो 30 साल से रोजाना अगरबत्ती के धुएं के संपर्क में थी, उसे चक्कर, थकान, कमजोरी, पैरों में सूजन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हुईं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं जितना ही हानिकारक हो सकता है।
अगरबत्ती में मौजूद रसायन
अगरबत्ती जलाने से PM 2.5 कण, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो घर की हवा को प्रदूषित करती हैं। यह धुआं बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

क्या करें सावधानी?
- पूजा के दौरान धूप या अगरबत्ती को बीच-बीच में जलाएं।
- खिड़कियां खुली रखें और पंखा चलाएं ताकि धुआं बाहर निकल जाए।
- रसायन-मुक्त अगरबत्ती या प्राकृतिक धूप का उपयोग करें।
- तेल डिफ्यूजर का इस्तेमाल करें, जो सुगंध और आध्यात्मिक अनुभव देता है।
Disclaimer : यह जानकारी वैज्ञानिक अध्ययन और विशेषज्ञ सलाह पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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