Johar live desk: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच, 7 मई को भारतीय स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की पहचान सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े कई बड़े आतंकियों को ढेर किया गया है।
भारतीय हमले में लश्कर का मुदस्सर खादियन खास उर्फ अबू जुंदाल और खालिद उर्फ अबू अकाशा मारा गया है। वहीं, जैश-ए-मोहम्मद के हाफिज मोहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर और मोहम्मद हसन खान भी इस ऑपरेशन में मारे गए।
मुदस्सर खादियन खास उर्फ अबू जुंदाल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। उसका जनाजा पाकिस्तानी पंजाब के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाया गया, जिसमें जमात-उद-दावा के हाफिज अब्दुल रऊफ ने नमाज अदा कराई। इस मौके पर पाकिस्तानी सेना के एक लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी भी मौजूद थे।
खालिद उर्फ अबू अकाशा भी लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय आतंकी था। वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में भी संलिप्त था। उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना और स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
हाफिज मोहम्मद जमील जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और आतंकी संगठन के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का बड़ा साला था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर, जिसे उस्ताद जी, मोहम्मद सलीम और घोसी साहब के नाम से भी जाना जाता था, जैश का अहम सदस्य था और मसूद अजहर का रिश्तेदार था। वह 1999 के आईसी-814 विमान अपहरण मामले में वांछित था।
मोहम्मद हसन खान जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी था और पीओके में संगठन के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस कार्रवाई को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बड़ी कामयाबी माना है। बताया जा रहा है कि यह स्ट्राइक पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में की गई और इसका मकसद भारत विरोधी आतंकी नेटवर्क को निशाना बनाना था।
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