Lakhisarai : बिहार के लखीसराय जिले के कजरा में देश का सबसे बड़ा सौर-बैटरी आधारित बिजली घर बनकर तैयार हो गया है। यह अपनी तरह की पहली और सबसे बड़ी परियोजना है, जिसमें सौर ऊर्जा के साथ अत्याधुनिक बैटरी भंडारण प्रणाली को जोड़ा गया है। इस बिजली घर का उद्घाटन इसी महीने CM नीतीश कुमार करेंगे।
यह बिहार की पहली ऐसी ऊर्जा परियोजना है, जो निर्धारित समय से पहले पूरी हुई। इसे जनवरी 2026 तक पूरा करना था, लेकिन कंपनी की मेहनत और कुशल प्रबंधन के कारण सितंबर 2025 में ही काम पूरा हो गया। यह बिहार सरकार की परियोजना प्रबंधन क्षमता का शानदार उदाहरण है।
क्या है इस बिजली घर की खासियत?
इस संयंत्र से बिहार को हर दिन शाम के समय (पीक आवर) 45.4 मेगावाट बिजली 4 घंटे तक मिलेगी। इससे बिहार विद्युत कंपनी को बाजार से महंगी बिजली खरीदने की जरूरत कम होगी, जिससे बिजली खर्च में भारी बचत होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने इस बिजली घर से बिजली लेने की मंजूरी दे दी है।
दो चरणों में निर्माण
यह परियोजना 1232 एकड़ जमीन पर दो चरणों में बन रही है।
पहला चरण (पूरा हो चुका) :
- जमीन : 689 एकड़
- सौर ऊर्जा क्षमता : 185 मेगावाट
- बैटरी भंडारण : 254 मेगावाट-घंटा
- बिजली आपूर्ति : 45.4 मेगावाट (4 घंटे)
- लागत : ₹1570 करोड़
- निर्माण पूरा : सितंबर 2025
दूसरा चरण (निर्माणाधीन) :
- जमीन : 400 एकड़
- सौर ऊर्जा क्षमता : 116 मेगावाट
- बैटरी भंडारण : 241 मेगावाट-घंटा
- बिजली आपूर्ति : 50.5 मेगावाट (4 घंटे)
- लागत : ₹880.27 करोड़
- निर्माण समयसीमा : दिसंबर 2026
दोनों चरण पूरे होने के बाद यह संयंत्र 301 मेगावाट सौर ऊर्जा और 495 मेगावाट-घंटा बैटरी भंडारण क्षमता के साथ देश का सबसे बड़ा सौर-बैटरी हाइब्रिड बिजली घर होगा।
हरित ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम
ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह परियोजना बिहार की हरित ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह न केवल बिहार को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में भी योगदान देगी।
परियोजना के फायदे :
- बिजली की लागत में कमी
- स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन
- बिजली कटौती में कमी
- ग्रिड स्थिरता में सुधार
- भारत के क्लाइमेट एक्शन लक्ष्यों में योगदान
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