New Delhi : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित ‘सदैव अटल’ स्मारक पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को नमन किया। वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने भी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
#WATCH | Delhi | President Droupadi Murmu pays floral tributes to former PM Atal Bihari Vajpayee on his death anniversary at his memorial ‘Sadaiv Atal’ pic.twitter.com/GxLUtsLu6i
— ANI (@ANI) August 16, 2025
#WATCH | Delhi | PM Modi pays floral tributes to former PM Atal Bihari Vajpayee on his death anniversary at ‘Sadaiv Atal’ pic.twitter.com/e8ySuDPZPA
— ANI (@ANI) August 16, 2025
#WATCH | Delhi | Lok Sabha Speaker Om Birla, Defence Minister Rajnath Singh, BJP National President JP Nadda, Rajya Sabha Deputy Speaker Harivansh, Delhi CM Rekha Gupta and other senior leaders pay tribute to former PM Atal Bihari Vajpayee on his death anniversary
Former PM Atal… pic.twitter.com/fKW1cNZwfa
— ANI (@ANI) August 16, 2025
PM नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। भारत की सर्वांगीण प्रगति के प्रति उनका समर्पण और सेवाभाव सभी को एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करता रहेगा।” उन्होंने राष्ट्र की ओर से वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए उनके संकल्प और सेवा भाव की सराहना की।
अटल बिहारी वाजपेयी का सियासी सफर
अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 से 31 मई 1996 और फिर 19 मार्च 1998 से 13 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी। जवाहरलाल नेहरू के बाद वे लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता थे। इंदिरा गांधी के बाद अपनी पार्टी को लगातार तीन बार जीत दिलाने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है। 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी के पास चार दशक से अधिक का संसदीय अनुभव था। वे 1957 से संसद सदस्य रहे।

सम्मान और पुरस्कार
वाजपेयी को उनके योगदान के लिए 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें लोकमान्य तिलक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा गया। 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनकी पुण्यतिथि पर देश ने उनके अतुलनीय योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।