Johar Live Desk : शेयर बाजार की शुरुआत गुरुवार को कमजोरी के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 297.96 अंक गिरकर 84,699.17 पर और निफ्टी 90.05 अंक गिरकर 25,963.85 पर पहुंच गया। इसी दौरान रुपया भी 21 पैसे कमजोर होकर 88.43 प्रति डॉलर पर आ गया। सुबह करीब 9:20 बजे सेंसेक्स लगभग 250 अंक यानी 0.27 प्रतिशत नीचे था, जबकि निफ्टी 85 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,965 पर कारोबार कर रहा था। शुरुआती सत्र में बाजार में नरमी का रुख देखने को मिला।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के बावजूद भारतीय बाजार में कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान कि दिसंबर में एक और दर कटौती “अभी तय नहीं हुई है”, से निवेशकों की धारणा कमजोर हुई। इसका असर एशियाई बाजारों पर भी पड़ा, जहां मिले-जुले रुझान देखने को मिले।
सुबह के सत्र में दोनों बेंचमार्क सूचकांक गिरावट में रहे। सेंसेक्स 228 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 84,770, जबकि निफ्टी 81 अंक या 0.31 प्रतिशत गिरकर 25,973 पर पहुंच गया। तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी जब तक 25,900 से 26,000 के सपोर्ट जोन के ऊपर बना रहेगा, तब तक बाजार में साइडवेज-टू-बुलिश रुख कायम रह सकता है। वहीं, 26,100 से 26,200 का स्तर तत्काल प्रतिरोध का काम करेगा। इस स्तर के ऊपर बाजार के 26,300 से 26,400 तक बढ़ने की संभावना है।

सेंसेक्स में कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। भारती एयरटेल, सन फार्मा, आईटीसी, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, टाइटन, कोटक बैंक, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, ट्रेंट और एचसीएल टेक के शेयरों में 1.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई। वहीं, कुछ कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जिनमें एलएंडटी, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट, अदानी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा और एसबीआई शामिल हैं।
विस्तृत बाजार में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स लगभग सपाट रहा, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.15 प्रतिशत बढ़ा। सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी फार्मा सबसे ज्यादा कमजोर रहा, जो 0.76 प्रतिशत गिरा। इसके अलावा, निफ्टी मेटल और एफएमसीजी इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत, और निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस बीच, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने बढ़त दर्ज की और 0.5 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा था।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि वैश्विक संकेतों में अस्थिरता के कारण निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि फिलहाल “गिरावट पर खरीदारी” की रणनीति अपनाना बेहतर रहेगा, लेकिन लीवरेज ट्रेडिंग करते समय सावधानी बरतना जरूरी है।
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